TikTok का नाम आप सभी ने सुना ही होगा। 2020 में बैन होने से पहले तक इस एप के करोड़ो लोग दीवाने हो गए थे। लेकिन 2020 में भारत सरकार ने सुरक्षा कारण बताते हुए tiktok सहित कई बड़े ऐप पर बैन लगा दिया था। 2020 में बड़ी संख्या में चायनीज एप्स को बैन करने के बाद नरेंद्र मोदी सरकार ने एक बार फिर चाइनीज ऐप्स के खिलाफ एक बड़ी कार्रवाई की है। सरकार ने 54 चीनी ऐप्स की लिस्ट जारी करते हुए उन्हें बैन करने का आदेश जारी किया है। इन एप्स को भारतीयों की निजता और सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए यह प्रतिबंध लगाया गया है।
प्रतिबंधित किए गए 54 ऐप्स की लिस्ट में अधिकतर ऐप्स ऐसे थे जो चीन की दिग्गज कंपनियों- Tencent, Alibaba और NetEase से संबंधित थे। इससे पहले 2020 मे भी भारत सरकार ने चीनी एप्स पर प्रतिबंध लगाया था। उस समय उनसठ चीनी एप्स पर बैन लगाया गया था। जिसमें उस समय के फेमस ऐप TikTok के अलावा Shareit, WeChat, Helo, Likee, UC News, Bigo Live, UC Browser, ES File Explorer, और Mi Community जैसे पॉपुलर ऐप शामिल थे।
सूत्रों के अनुसार, 2020 में प्रतिबंध लगने के बाद कई ऐप्स ने ऑनरशिप छिपाने के लिए अपना रूप बदल लिया था। उन्हें हांगकांग या सिंगापुर जैसे देशों से होस्ट किया जाने लगा, लेकिन आखिर में डेटा चीनी सर्वर पर जा रहा था। इनमें टिकटॉक और टेनसेंट के वीचैट जैसे ऐप भी उपलब्ध थे। इन ऐप्स को APK फाइल्स जैसे माध्यमों से डाउनलोड करने की सुविधा मिल रही थी। इनकी जानकारी मिलने के बाद सरकार ने इन पर फिर कारवाई की है। बैन किए गए अधिकतर ऐप्स 2020 में बैन किए गए ऐप्स का “रीब्रांडेड या रीक्रिस्टेड अवतार” थे।
इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय ने प्रतिबंध का आदेश जारी करते हुए कहा कि जारी किया है ये ऐप चीन जैसे विदेशों में भारतीयों के संवेदनशील डेटा को सर्वर पर ट्रांसफर कर रहे थे। IT मंत्रालय ने गूगल प्ले स्टोर से इन एप्लिकेशन को ब्लॉक करने के भी निर्देश दिए हैं। अधिकारी ने बताया, “54 ऐप्स को पहले ही प्लेस्टोर के जरिए भारत में एक्सेस करने से रोक दिया गया है।” ताजा आदेश में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69ए के तहत की गई है।
इन एप्स के बंद होने के बाद अब बच्चों के एक और फेमस मोबाइल गेम फ्री फायर पर भी बैन होने का खतरा मंडराने लगा है। यह गेम Google Play स्टोर और ऐप्पल ऐप स्टोर से गायब हो गया था।अब ऐसा लगता है कि यह भारत में प्रतिबंधित ऐप्स की नई सूची में शामिल हो सकता है। हालांकि हम अभी तक गरेना इंटरनेशनल की तरफ से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं आई है। साथ ही, न तो Apple और न ही Google ने बैन होने से संबंधित कोई बयान जारी किया है।