इससे पूर्व देहरादून में भी जनसंगठनों नें गाँधी पार्क पर किशोर ह्यूमन की रिहाई के लिए धरना दिया , भाकपा माले के इंद्रेश मैखुरी नें कहा कि किशोर ह्यूमन लगातार समाज के संघर्षों व परेशानियों को जनता के सामने ला रहे थे जो कि एक तरह से समाज के हित को देखते हुए सत्ता के विरोध की पत्रकारिता थी, जबकि जिस मामले में पुलिस ने उन पर सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने का मुकदमा दर्ज किया है उसमें उन्होंने एक दलित व्यक्ति की हत्या और बलात्कार के मामले में शिकायत दर्ज न होने की घटना को उजागर किया था।
इस विषय में मैखुरी नें मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में कहा कि किशोर के विरुद्ध कार्यवाही, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के उनके नागरिक आधिकार का अतिक्रमण है. प्रश्न यह भी है कि क्या किसी पत्रकार को पत्रकारिता करने के लिए क्या पुलिस की पूर्वानुमति लेनी होगी ? यह स्वतंत्र पत्रकारिता पर सीधा हमला है.
उन्होंने मांग की कि किशोर ह्यूमन के विरुद्ध दर्ज मुकदमा तत्काल रद्द किया जाये और उन्हें अविलंब बिना शर्त रिहा किया जाये. साथ ही किशोर के विरुद्ध मनगढ़ंत आरोप लगा कर उन्हें गिरफ्तार करने वाले पिथौरागढ़ के पुलिस अधीक्षक व अन्य पुलिस कर्मियों को झूठा मुकदमा दर्ज करने के लिए तत्काल निलंबित किया जाये तथा उनके विरुद्ध ऐसा करने के लिए मुकदमा दर्ज किया जाये.