Uttarakhand: प्रदेश में मतदान होने के बाद आम जनता को लगा मंहगाई का झटका, बिजली दरें बढ़ी…

उत्तराखंड में लोक सभा चुनाव के लिए मतदान सम्पन्न होते ही आम जनता को मंहगाई का बड़ा झटका लगा है। बताया जा रहा है कि फिर से बिजली के दामों में बढ़ोतरी हुई है जिससे लोगों की जेब पर असर पड़ने वाला है। वहीं प्रदेश में घरेलू उपभोक्ताओं से लेकर व्यापारिक और इंडस्ट्री उपभोगताओं तक के लिए बिजली के दाम बढ़ाएं जाएंगे। जबकि ये बिजली की बढ़ी हुई दरें 1 अप्रैल से प्रभावी मानी जाएंगी।

जानकारी के अनुसार उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने यूपीसीएल और पिटकुल ने वार्षिक टैरिफ में प्रस्तावित बढ़ोतरी के सापेक्ष 6.92% की बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया है। वहीं वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए आयोग ने वितरण हानि 13% को मानी है। वहीं अब आयोग के निर्णय के बाद फिक्स चार्ज में ₹15 प्रति किलो वाट की बढ़ोतरी की गई है। जिसमें 100 यूनिट प्रति माह तक खर्च करने वाले उपभोक्ताओं की बिजली दरों में 25 पैसे की वृद्धि की गई है। दूसरी तरफ जो 101 वॉट से 200 वॉट तक खर्च पर 30 पैसे की बढ़ोतरी और 201 से 400 यूनिट प्रति माह खर्च करने वाले उपभोक्ताओं के लिए 40 पैसे की वृद्धि की गई है।

इसके अलावा व्यावसायिक कनेक्शन वाले उपभोक्ता जिसमें सरकारी एजुकेशनल संस्थान और दूसरे सरकारी विभागों के लिए भी बिजली दरें बढ़ाई गई है। जिसके लिए 25 किलोवाट तक के लिए 10 रुपए प्रति किलो वाट का फिक्स चार्ज बढ़ाया गया है। वहीं बिजली के दाम में 30 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी हुई है। साथ ही 25 किलोवाट से ऊपर वाले उपभोक्ताओं को फिक्स चार्ज में ₹10 प्रति किलो वाट बढ़ोतरी के अलावा बिजली के दाम में 35 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है।

वहीं छोटे उद्योगों के लिए 25 किलोवाट तक ₹10 फिक्स चार्ज की बढ़ोतरी और बिजली के दामों में करीब 25 पैसे की बढ़ोतरी की जानी है। दूसरी ओर 25 किलोवाट से अधिक वाले छोटे उद्योग के उपभोक्ताओं के लिए भी फिक्स चार्ज ₹20 और बिजली के दामों में 50 पैसे की बढ़ोतरी की गई है। जबकि बड़े उद्योगों के लिए भी फिक्स चार्ज में ₹20 प्रति केवीए की बढ़ोतरी के साथ बिजली के दामों में भी ऑस्टिन 64 पैसे की बढ़ोतरी की गई है।

जहाँ वित्तीय वर्ष 2024 25 के लिए उत्तराखंड पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड और पिटकुल के साथ ही UJVNL ने भी दरों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। इस प्रस्ताव पर विचार करने के बाद वार्षिक टैरिफ में 6.92% बढ़ोतरी का निर्णय लिया गया है। साथ ही इस वित्त वर्ष वार्षिक राजस्व आवश्यकता 10690.03 करोड़ निर्धारित की गई है, जिसमें 14708.02 मिलियन यूनिट की अनुमानित विक्रय पर कुल राजस्व 9997.69 करोड़ रुपए अनुमानित राजस्व आकलन किया गया। जहाँ इसमें 692.34 करोड़ रुपए का राजस्व अंतर के लिए 6.92% की वार्षिक वृद्धि का फैसला लिया गया।

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