देहरादून : भारतीय चिकित्सा परिषद में फर्जी डॉक्टर डिग्री रजिस्ट्रेशन कराने पर पुलिस ने परिषद के तीन कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। इस मामले मे गिरफ्तार तीनो आरोपियों ने फर्जी डिग्रियां बांटने और रजिस्ट्रेशन किए जाने की बात कबूली है। जिसके बाद पुलिस ने तीनों के खिलाफ सम्बन्धित धाराओं में मुकद्दमा दर्ज कर लिया है।
मामले के मुताबिक एसटीएफ ने पिछले माह प्रदेश में चल रहे फर्जी डॉक्टर रैकेट का खुलासा किया था।इस दौरान पुलिस ने फर्जी डिग्री का मास्टरमाइंड इमलाख के भाई समेत दो फर्जी डॉक्टरों को गिरफ्तार किया था। जांच में पता चला कि इमलाख ने अपने भाई के साथ मिलकर प्रदेश के कुल 36 लोगों को कर्नाटक के एक विश्वविद्यालय की डिग्रियां आठ से दस लाख में बेची हैं।
डीआईजी, एसएसपी दलीप कुंवर ने पुलिस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भारतीय चिकित्सा परिषद के तीन कर्मचारियों की गिरफ्तारी का खुलासा करते हुए बताया कि जांच में यह बात सामने आई थी कि फर्जी डिग्री में भारतीय चिकित्सा परिषद के कुछ कर्मचारियों की संलिप्तता भी है। जिसके चलते परिषद के तीन कर्मचारी कनिष्ठ सहायक विमल बिजल्वाण निवासी गली नंबर 8 फेस -2 सिद्ध विहार लोअर नेहरूग्राम, मूल निवासी ग्राम बागी पट्टी बमुंडा जनपद टेहरी गढ़वाल कनिष्ठ सहायक, अंकुर महेश्वरी निवासी हरीपुर नवादा थाना नेहरू कॉलोनी जनपद देहरादून, मूल पता- सिकंदराराऊ थाना-सिकंदराराऊ जिला हाथरस उत्तर प्रदेश, विवेक रावत निवासी 183 ऑफिसर्स कॉलोनी रेस कोर्स देहरादून, मूल पता- ग्राम अजनर थाना- अजनर जिला महोबा उत्तर प्रदेश