देहरादून: सुप्रीम कोर्ट ने डॉ मिर्जा मोजिज बेग बढ़ावा देने के लिए उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर के संबंध में अग्रिम जमानत दे दी है। जस्टिस एएस बोपन्ना और हिमा कोहली की पीठ ने डॉ बेग की ओर से दायर अग्रिम जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश सरकार को नोटिस जारी किया है। साथ ही शीर्ष अदालत ने तीन सप्ताह के भीतर राज्य सरकार से जवाब मांगा है।
शीर्ष अदालत ने अपने आदेश में कहा कि मध्यप्रदेश सरकार नोटिस जारी करें। इस बीच, याचिकाकर्ता के खिलाफ अंतरिम संरक्षण होगा, यदि आवश्यक हो तो वह पूरी लगन से जांच में भाग ले सकता है। डॉ. बेग के वकील एडवोकेट अल्जो के जोसेफ ने पीठ को बताया कि किताब खुद पुलिस ने अपने कब्जे में ले ली है। आश्चर्यजनक रूप से यह एलएलएम पाठ्यक्रम में है, जिसे अकादमिक परिषद और चांसलर विश्वविद्यालय की ओर से अनुमोदित किया गया है।
बता दें, इंदौर के गवर्नमेंट लॉ कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ बेग ने मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती देते हुए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है, जिसमें अग्रिम जमानत के लिए उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी। उन्होंने अपने खिलाफ लगाए गए सभी आरोपों का खंडन करते हुए कहा था कि पुस्तक को साल 2014 में कॉलेज में खरीदा गया था। इससे पहले कि वह अनुबंध के आधार पर कॉलेज में शामिल हुए या वह संकाय के स्थाई सदस्य के रूप में लगे थे।