देहरादून: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकी फंडिंग के खिलाफ ‘नो मनी फॉर टेरर’ अंतरराष्ट्रीय मंत्रीस्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन किया। इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यह बड़ी बात है कि यह सम्मेलन भारत में हो रहा है। दशकों तक हमारे देश को आतंकवाद ने चोट पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन हमने बहादुरी से इसके खिलाफ लड़ाई लड़ी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का खात्मा नहीं हो जाता। लंबे समय से आतंकवाद असर गरीबों और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। चाहे वह पर्यटन हो या व्यापार का क्षेत्र। कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां लगातार आतंकवाद का खतरा बना रहता है। इससे लोगों की रोजी-रोटी छिन रही है। यह सबसे अधिक महत्वपूर्ण है कि हम आतंकवाद के वित्तपोषण की जड़ पर प्रहार करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आतंकवाद मानवता, स्वतंत्रता और सभ्यता पर हमला है। यह किसी भी देश की सीमा को नहीं पहचानता। अगर आतंकवाद को हराना है तो हमें एकजुटता और शून्य-सहनशीलता का दृष्टिकोण अपनाना होगा।
पीएम ने कहा कि यह सभी जानते हैं कि आतंकवादी संगठनों को कई स्रोतों से धन प्राप्त होता है। इसका एक स्रोत किसी एक देश का समर्थन भी है। कुछ देश अपनी विदेश नीतियों के तहत आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे उन्हें राजनीतिक, वैचारिक और वित्तीय सहायता प्रदान करते हैं।
उन्होंने कहा कि आतंकी फंडिंग के स्रोतों में से एक संगठित अपराध है। इसे अलग-थलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इन गिरोहों के अक्सर आतंकी संगठनों से गहरे संबंध होते हैं।