आठ साल बाद दुर्लभ रेड क्रॉसबिल पक्षी मुनस्यारी की वादियों में देखा गया है। इससे पहले वर्ष 2014 में रेड क्रासबिल को अस्कोट क्षेत्र में देखा गया था। पक्षी विशेषज्ञ इसे भविष्य के लिए बेहतर संकेत मान रहे हैं। उनका कहना है कि मुनस्यारी की वादियां इस पक्षी के अनुकूल हैं। इस पक्षी के आने जाने के समय व रिहायश पर अभी अध्ययन किया जा रहा है।पर्यावरणविद् और पारिस्थितिकी विशेषज्ञ रामनारायण कल्याणरमन के नेतृत्व में टीम ने 201 पक्षी प्रजातियों को देखा। इनमें वर्ष 2014 में अस्कोट क्षेत्र में देखा गया रेड क्रॉसबिल पक्षी भी शामिल है। ये पक्षी अत्यंत दुर्लभ है। रामनारायण के अनुसार इस पक्षी का उत्तराखंड में दिखाई देने का बेहद कम रिकार्ड है ये पक्षी साल में कभी भी प्रजनन कर सकता है। ये मूलरूप से जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, नेपाल में पाया जाता है। ये हमेशा छोटे समूहों में रहता है और लंबी दूरी आसानी से तय कर सकता है। खाने की तलाश में ये 500 किमी की दूरी भी तय कर सकता है। ये पक्षी दिन में माइग्रेट करते हैं। इस पक्षी की चोंच अलग तरह की होती है जिस कारण ये शंखनुमा चीजें खाना पसंद करते हैं। मगर उन्हें इस तरह का खाना नहीं मिला तो इनके जीवन पर खतरा भी है। वर्ष 2014 में अस्कोट अभयारण्य में डॉ. पॉल एलसेन और उन्होंने खुद इस पक्षी को देखा था। रामनारायण ने बताया कि देखे गए पक्षियों में ऊंचाई वाले प्रवासी, अंतर-महाद्वीपीय प्रवासी समेत कई अन्य पक्षी भी शामिल थे।