देहरादून: भारत-पाकिस्तान के बीच शांति बनाए रखने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने अपने देश के संकल्प को एक बार फिर दोहराया है। साथ ही उन्होंने पाकिस्तान के सामने आने वाली समकालीन चुनौतियों के बारे में खुलकर चर्चा की।
उन्होंने कहा, हम बातचीत से भारत के साथ स्थायी शांति चाहते हैं, क्योंकि युद्ध किसी भी देश के लिए विकल्प नहीं है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के छात्रों के एक समूह से बात करते हुए शरीफ ने कहा कि इस्लामाबाद और नई दिल्ली के बीच व्यापार, अर्थव्यवस्था और अपने लोगों की स्थिति में सुधार के लिए मुकाबला होनी चाहिए।
शरीफ ने आगे कहा कि पाकिस्तान हमलावर मुल्क नहीं है। हम अपनी सीमाओं की रक्षा के लिए अपनी सेना पर खर्च करते हैं न कि किसी मुल्क पर आक्रामकता के लिए।
वहीं, राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था और आईएमएफ कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पाकिस्तान का आर्थिक संकट हाल ही में दशकों की राजनीतिक अस्थिरता के साथ-साथ संरचनात्मक समस्याओं से उपजा है।
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान की स्थापना के बाद से पहले कुछ दशकों में अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों में प्रभावशाली वृद्धि देखी गई। जब परिणाम उत्पन्न करने के लिए योजनाएं, राष्ट्रीय इच्छा और कार्यान्वयन तंत्र थे।
शरीफ ने कहा कि समय के साथ हमने उन क्षेत्रों में बढ़त खो दी है, जिनमें हम आगे थे। उन्होंने कहा कि ऊर्जा और नीतिगत कार्रवाई की कमी के कारण राष्ट्रीय उत्पादकता में कमी आई है।