VIDEO: संसद में हल्का-फुल्का पल, ‘एक भी मिला क्या?’—घुसपैठियों पर कल्याण बनर्जी के सवाल पर नितिन गडकरी मुस्कुराए, सांसदों की छूटी हंसी

नई दिल्ली। संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान जहां एक ओर सरकार और विपक्ष के बीच विभिन्न मुद्दों को लेकर तीखी बहस देखने को मिल रही है, वहीं बुधवार को सदन परिसर में एक हल्का-फुल्का और मजेदार पल भी सामने आया। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सांसद कल्याण बनर्जी और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के बीच हुए मजाक का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है, जिसे देखकर वहां मौजूद सांसद ठहाके लगाने लगे।

दरअसल, संसद परिसर में बातचीत के दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने पश्चिम बंगाल में चल रही गहन मतदाता पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन—SIR) प्रक्रिया और घुसपैठियों के मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से मजाकिया अंदाज में सवाल किया। समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा जारी वीडियो में कल्याण बनर्जी कहते सुनाई देते हैं, “घुसपैठियों को बाहर फेंक देंगे… एक भी मिला क्या?” इस सवाल पर नितिन गडकरी मुस्कुरा देते हैं और बिना कोई औपचारिक प्रतिक्रिया दिए आगे बढ़ जाते हैं।

वीडियो में यह भी देखा जा सकता है कि इसके बाद कल्याण बनर्जी नितिन गडकरी को रोककर उनके कान में कुछ कहते हैं। इस पर भी गडकरी मुस्कुराते हुए अपनी कार की ओर बढ़ जाते हैं। इसी दौरान नितिन गडकरी अपनी कार की ओर इशारा करते हुए बताते हैं कि यह हाइड्रोजन से चलने वाली गाड़ी है।

नितिन गडकरी द्वारा कार की विशेषता बताने पर कल्याण बनर्जी चुटकी लेते हुए कहते हैं, “आप क्या करेंगे इतना लेकर, एक-दो हमारे पास भी भेज दीजिए।” इसके बाद वे हंसते हुए यह भी जोड़ते हैं कि “आप जो अपने नौकर-वौकर के पास भेजते हैं, वही हमारे पास भेज दीजिए।” कल्याण बनर्जी की इस टिप्पणी पर वहां मौजूद अन्य सांसद भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए।

गौरतलब है कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वंदे मातरम, मनरेगा का नाम बदले जाने समेत कई मुद्दों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच लगातार टकराव देखने को मिल रहा है। ऐसे माहौल में गडकरी और बनर्जी के बीच हुआ यह मजाकिया संवाद सदन की गंभीर राजनीति के बीच एक हल्के पल के रूप में सामने आया।

उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) की प्रक्रिया शुरू की है। इस प्रक्रिया के तहत अब तक लगभग 58 लाख नाम मतदाता सूची से हटाए जा चुके हैं। आंकड़ों के अनुसार, 27 अक्टूबर तक राज्य के कुल 7.66 करोड़ मतदाताओं में से केवल 7.08 करोड़ मतदाताओं को ही मसौदा मतदाता सूची में शामिल किया गया था। इसी पृष्ठभूमि में घुसपैठ और मतदाता सूची से जुड़े मुद्दों पर सियासी बयानबाजी भी तेज हो गई है।

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