कांग्रेस के पाले में निकला गद्दार, राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में किया मतदान

देहरादून: राष्ट्रपति चुनाव में क्रास वोटिंग को लेकर उत्तराखंड कांग्रेस में खलबली मच गई है। चुनाव परिणाम के बाद से कांग्रेस में उसकी तलाश शुरू हो गई है, जिसने राजग प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया। पार्टी के नेता अब एक-दूसरे को ही शक की नजर से देख रहे हैं।

मामले को गंभीर मानते हुए प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया। इस बीच यह मामला हाईकमान तक भी पहुंच गया है। लेकिन जब तक पार्टी लाइन से बाहर जाकर वोट करने वाले की पहचान नहीं हो जाती, कोई भी बड़ा नेता खुलकर कुछ कहने से बच रहा है।

पहले से बगावत के जख्मों से छलनी कांग्रेस को राष्ट्रपति चुनाव में बड़ा धक्का लगा है। उत्तराखंड से कुल 67 विधायकों ने बीती 18 जुलाई को राष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनाव में मतदान किया था। कांग्रेस के राजेंद्र भंडारी और तिलकराज बेहड़ ने अलग-अलग कारणों से मतदान में भाग नहीं लिया था। 

इसी तरह से भाजपा के विधायक व परिवहन मंत्री चंदनराम दास अस्पताल में भर्ती होने के कारण वोट नहीं दे पाए थे। इस तरह 70 में से कुल 67 विधानसभा सदस्यों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। विधानसभा में दलीय स्थिति देखें तो वर्तमान विधानसभा में सत्तारूढ़ भाजपा के 47, कांग्रेस के 19 विधायक हैं। इसके अलावा बसपा के दो और दो निर्दलीय हैं। 

राष्ट्रपति चुनाव में भाजपा ने दो निर्दलीय और दो बसपा सदस्यों का विश्वास भी जुटा लिया था। इस तरह राजग की प्रत्याशी मुर्मू को 50 मत ही मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 51 वोट मिले हैं। साफ है कि यह वोट कांग्रेस विधायक ने दिया है। कांग्रेस के दो विधायक मतदान में शामिल नहीं हुए थे। इस हिसाब से यूपीए उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को 17 वोट मिलने चाहिए थे, लेकिन उन्हें 15 ही वोट मिले। 

एक वोट निरस्त हो गया था, जबकि एक वोट किसी विधायक ने पार्टी लाइन से बाहर जाकर राजग प्रत्याशी को दिया। इधर, इस मामले में पार्टी के बड़े नेता कुछ भी कहने से बच रहे हैं। पार्टी विधानमंडल दल के नेता यशपाल आर्य ने कहा यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और गंभीर मसला है। पार्टी हाईकमान इस पर नजर बनाए हुए है। क्रास वोटिंग करने वाले सदस्य के खिलाफ पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर ही कार्रवाई की जाएगी।

वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा है कि यह गंभीर मामला है। मैंने इस संबंध में नेता प्रतिपक्ष से बात की है। उनसे एक कमेटी बनाकर मामले की जांच का अनुरोध किया है।

Previous articleपार्थ चटर्जी को सरकारी स्कूलों में भर्ती घोटाले को लेकर ईडी ने किया गिरफ्तार
Next articleआईएएस के सरकारी आवास के बाहर एक बुजुर्ग ने पढ़ी नमाज, हिन्दू संगठनों ने किया विरोध