भारतीय वैज्ञानिकों की चेतावनी: एच5एन1 बर्ड फ्लू बन सकता है अगली वैश्विक महामारी, इंसान-से-इंसान फैलाव सबसे बड़ा खतरा

वर्षों से पक्षियों में फैल रहा एच5एन1 बर्ड फ्लू भले ही फिलहाल इंसानों के लिए सीमित खतरा माना जा रहा हो, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों के ताजा अध्ययन ने इसे लेकर गंभीर चेतावनी जारी की है। शोध में कहा गया है कि यदि यह वायरस इंसान-से-इंसान में फैलने की क्षमता हासिल कर लेता है, तो यह अगली वैश्विक महामारी का रूप ले सकता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि समय रहते कड़ी निगरानी, तेज जांच व्यवस्था और मजबूत सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रतिक्रिया से इस संभावित संकट को रोका जा सकता है।

एच5एन1 वायरस इन्फ्लुएंजा परिवार से संबंधित है और दक्षिण व दक्षिण-पूर्व एशिया में लंबे समय से मौजूद रहा है। इसकी पहली पहचान 1990 के दशक के अंत में चीन में हुई थी। इसके बाद यह एशिया, यूरोप, अफ्रीका और अमेरिका समेत कई महाद्वीपों में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2003 से अगस्त 2025 तक 25 देशों में एच5एन1 के 990 मानव मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें 475 लोगों की मौत हुई। लगभग 48 प्रतिशत की उच्च मृत्यु दर इसे अन्य कई संक्रामक रोगों की तुलना में कहीं अधिक घातक बनाती है।

अमेरिका में भी एच5एन1 को लेकर चिंता बढ़ती जा रही है। वहां 18 राज्यों में 1,000 से अधिक डेयरी फार्म इस वायरस से प्रभावित हो चुके हैं, जबकि करीब 18 करोड़ पक्षी इसकी चपेट में आ चुके हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि जानवरों से इंसानों में संक्रमण के बढ़ते मामले भविष्य में बड़े खतरे का संकेत हो सकते हैं।

केवल पक्षियों और इंसानों तक सीमित नहीं वायरस

शोध में यह भी सामने आया है कि एच5एन1 वायरस केवल पक्षियों और इंसानों तक सीमित नहीं है। भारत में जनवरी महीने के दौरान नागपुर स्थित एक वन्यजीव बचाव केंद्र में तीन बाघों और एक तेंदुए की मौत एच5एन1 संक्रमण के कारण हुई थी। इस घटना ने स्पष्ट कर दिया कि यह वायरस विभिन्न प्रजातियों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है, जिससे पारिस्थितिकी तंत्र के साथ-साथ सार्वजनिक स्वास्थ्य पर भी गंभीर खतरा पैदा हो सकता है।

इंसानों में बर्ड फ्लू के लक्षण

इंसानों में एच5एन1 बर्ड फ्लू के लक्षण आमतौर पर गंभीर फ्लू जैसे होते हैं। इनमें तेज बुखार, खांसी, गले में खराश, शरीर में दर्द और अत्यधिक थकान शामिल हैं। कुछ मामलों में आंखों में सूजन यानी कंजंक्टिवाइटिस भी देखी गई है। वहीं, कुछ संक्रमित लोगों में कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखाई देते, जिससे संक्रमण की पहचान और भी मुश्किल हो जाती है।

बेहद शांत हो सकती है शुरुआत

अध्ययन के अनुसार बर्ड फ्लू की शुरुआत अक्सर बेहद शांत और भ्रमित करने वाली हो सकती है। किसी संक्रमित पक्षी से एक इंसान में संक्रमण फैल सकता है, जो आमतौर पर किसान, पोल्ट्री बाजार में काम करने वाला व्यक्ति या मुर्गियों को संभालने वाला मजदूर हो सकता है। शुरुआती मामला अपने आप में बहुत खतरनाक न दिखे, लेकिन यदि इसके बाद वायरस इंसान-से-इंसान में फैलने लगे, तो स्थिति तेजी से नियंत्रण से बाहर जा सकती है।

निगरानी और तैयारी पर जोर

शोधकर्ताओं ने यह भी रेखांकित किया है कि किसी नई बीमारी के शुरुआती चरण में वास्तविक आंकड़े अक्सर अधूरे और बिखरे होते हैं। ऐसे में सिमुलेशन मॉडल यह समझने में मदद करते हैं कि अलग-अलग परिस्थितियों में संक्रमण कैसे फैल सकता है और कौन-से सार्वजनिक स्वास्थ्य उपाय सबसे प्रभावी साबित हो सकते हैं। वैज्ञानिकों ने सरकारों और स्वास्थ्य एजेंसियों से अपील की है कि वे एच5एन1 पर सतत निगरानी रखें और किसी भी संभावित मानव-से-मानव संक्रमण के संकेत मिलते ही त्वरित कार्रवाई करें, ताकि भविष्य में एक और वैश्विक महामारी से दुनिया को बचाया जा सके।

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