जनगणना 2027: घर-घर पहुंचकर पूछे जाएंगे 30+ सवाल, मकान की संरचना से लेकर इंटरनेट-ऊर्जा उपयोग तक होगा रिकॉर्ड

जनगणना 2027: पहले चरण में घर-घर पहुंचेगी टीम, मकान से जुड़े 30+ सवाल तय; इंटरनेट–ऊर्जा उपयोग तक देनी होगी जानकारी

भारत में वर्ष 2027 की जनगणना की तैयारियां तेज हो गई हैं। सरकार जल्द ही पहले चरण — मकान सूचीकरण एवं मकान गणना — से संबंधित औपचारिक अधिसूचना जारी करने वाली है। इस चरण में प्रगणक घर-घर जाकर 30 से अधिक बिंदुओं पर विस्तृत जानकारी एकत्र करेंगे। मकान की संरचना, उसकी उपयोगिता, ऊर्जा का स्रोत, इंटरनेट कनेक्टिविटी, वाहनों की उपलब्धता और घर में उपयोग होने वाले ईंधन तक सभी विवरण दर्ज किए जाएंगे।

नए साल में घर-घर दस्तक देंगे प्रगणक

अगले वर्ष से जनगणना अधिकारियों की टीम आपके घर पर पहुंचकर कई महत्वपूर्ण जानकारियां संकलित करेगी। इनमें मकान के निर्माण, उपयोग, ऊर्जा स्रोत और घरेलू सुविधाओं से जुड़े प्रश्न शामिल हैं।
सवालों की सूची में शामिल हैं—

  • फर्श, दीवार और छत किस सामग्री से बने हैं

  • मकान का उपयोग — रिहायशी, कार्यालय, पूजा स्थल, गेस्ट हाउस आदि

  • पीने के पानी का स्रोत — नदी, नहर, कुआं, हैंडपंप, नल, पैक्ड वॉटर

  • इंटरनेट, टेलीफोन, स्मार्टफोन, टीवी, डीटीएच, लैपटॉप जैसी सुविधाएं

  • वाहन — कार, मोटरसाइकिल, स्कूटर, साइकिल, मोपेड

  • खाना बनाने में इस्तेमाल ईंधन — लकड़ी, उपले, फसल अवशेष, कोयला, मिट्टी का तेल, एलपीजी, पीएनजी, बिजली, सौर ऊर्जा

  • अनाज के उपयोग — गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा, मक्का

सरकार का उद्देश्य इन आंकड़ों के आधार पर देश में रहन-सहन की वास्तविक स्थिति को समझना और विकसित भारत के लक्ष्य के अनुरूप नीतियों में सुधार करना है।


मोटर कार से एलपीजी तक—घरों में उपलब्ध सुविधाओं का होगा पूरा रिकॉर्ड

जनगणना सूची में परिवारों के पास मौजूद संसाधनों का विस्तृत विवरण भी लिया जाएगा। प्रगणक यह दर्ज करेंगे कि परिवार के पास कितने वाहन हैं और कौन-कौन से। इसके साथ ही यह भी जानकारी ली जाएगी कि परिवार खाना बनाने के लिए किस ईंधन का उपयोग करता है—एलपीजी, पीएनजी, या फिर सौर ऊर्जा जैसी आधुनिक सुविधाएं।

घरों में मौजूद संचार व डिजिटल साधनों का भी ब्यौरा देना होगा, जैसे—

  • टीवी और डीटीएच

  • लैंडलाइन

  • मोबाइल फोन

  • लैपटॉप/कंप्यूटर


ऑनलाइन जनगणना: पहली बार डिजिटल माध्यम का व्यापक उपयोग

जनगणना 2027 का पहला चरण अप्रैल 2026 से (अगले वर्ष) शुरू होने की संभावना है। इसमें घरों और उनमें रहने वाले लोगों के जीवन स्तर का डेटा एकत्र किया जाएगा। वर्तमान में देशभर में (लद्दाख और पश्चिम बंगाल को छोड़कर) मकान सूचीकरण का पूर्वाभ्यास और प्रशिक्षण जारी है।

महत्वपूर्ण यह है कि इस बार पहली बार बड़े स्तर पर ऑनलाइन और डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग किया जाएगा।

  • प्रगणक टैबलेट, मोबाइल ऐप और पोर्टल के माध्यम से डेटा भरेंगे।

  • इससे आंकड़े पहले की तुलना में बहुत तेजी से उपलब्ध होंगे।

  • पहले विस्तृत आंकड़े आने में वर्षों लग जाते थे, लेकिन इस बार डिजिटल रिकॉर्डिंग प्रक्रिया से यह समय कम होगा।


2027 में दूसरा चरण—पूरे देश की विस्तृत जनगणना, शामिल होगी जातिगत गणना

पहले चरण के बाद वर्ष 2027 में दूसरा चरण शुरू होगा, जिसमें पूरे देश की जनसंख्या की गिनती की जाएगी। इस चरण में जातिगत जनगणना भी शामिल होगी—आजादी के बाद पहली बार।

इसको अत्यंत चुनौतीपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि—

  • जातिगत आंकड़ों के लिए अलग प्रश्न तैयार किए जा रहे हैं

  • पहली बार मोबाइल ऐप और डिजिटल पोर्टल का इस्तेमाल

  • राज्यों को विस्तृत दिशा-निर्देश भेजे जा चुके हैं

भारत के महारजिस्ट्रार एवं जनगणना आयुक्त ने राज्यों को आवश्यक तैयारियां तेज करने को कहा है।

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