देहरादून: गुजरात के भरूच में राज्य सरकार की चार योजनाओं ने 100 फीसदी लक्ष्य हासिल कर लिया है। इस उलपक्ष्य में उत्कर्ष समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सामिल हुए हैं| उत्कर्ष समारोह में शामिल लाभार्थियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारी सरकार सामाजिक सुरक्षा, जन कल्याण और गरीब की गरिमा के लिए है। गरीब की गरिमा के लिए संकल्प और गरीब की गरिमा के संस्कार, यही तो हमें प्रेरित करते हैं।
पीएम मोदी ने गुजरात के भरूच में आयोजित ‘उत्कर्ष समारोह‘ में सामिल लाभार्थियों से बातचीत के दोरान कहा कि ये उत्कर्ष समारोह इस बात का प्रमाण है कि जब सरकार ईमानदारी से, एक संकल्प लेकर लाभार्थी तक पहुंचती है, तो कितने सार्थक परिणाम मिलते हैं। मैं भरूच जिला प्रशासन को, गुजरात सरकार को सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी 4 योजनाओं के 100 फीसदी पूरा होने के लिए बधाई देता हूं।
मोदी ने कहा कि अक्सर जानकारी के अभाव में अनेक लोग योजनाओं के लाभ से वंचित रह जाते हैं। कभी-कभी योजनाएं कागजों पर रह जाती हैं, लेकिन जब इरादा साफ हो, नीति साफ हो, नेकी से काम करने का इरादा हो, सबका साथ-सबका विकास की भावना हो, तो इससे नतीजे भी मिलते हैं।
पीएम ने कहा कि दिल्ली से देश की सेवा करते हुए मुझे 8 साल पूरे हो रहे हैं। ये 8 वर्ष सेवा सुशासन और गरीब कल्याण को समर्पित रहे। आज जो कुछ भी मैं कर पा रहा हूं, वो मैंने आपके बीच ही सीखा है। 2014 में जब आपने हमें सेवा का मौका दिया था तो देश की करीब-करीब आधी आबादी शौचालय की सुविधा से, टीकाकरण की सुविधा से, बिजली कनेक्शन की सुविधा से, बैंक अकाउंट की सुविधा से वंचित थी। सभी के प्रयासों से अनेक योजनाओं को शत-प्रतिशत सेचुरेशन के करीब ला पाए हैं।
मोदी ने कहा कि देश ने संकल्प लिया है शत प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का। जब शत-प्रतिशत पहुंचते हैं, तब सबसे पहला मनोवैज्ञानिक परिवर्तन आता है, वो बहुत महत्वपूर्ण है। उसमें देश का नागरिक याचक की अवस्था से बाहर निकल जाता है। मैंने पहले भी कहा कि ऐसे काम कठिन होते हैं, राजनेता भी उन पर हाथ लगाने से डरते हैं, लेकिन मैं राजनीति करने के लिए नहीं, देशवासियों की सेवा करने के लिए आया हूं। देश ने संकल्प लिया है, शत-प्रतिशत लाभार्थियों तक पहुंचने का। हमारी सरकार सामाजिक सुरक्षा, जन कल्याण और गरीब की गरिमा के लिए है। गरीब की गरिमा के लिए संकल्प और गरीब की गरिमा के संस्कार, यही तो हमें प्रेरित करते हैं।