बहराइच हिंसा: रामगोपाल हत्याकांड में बड़ा फैसला, सरफराज को फांसी—नौ दोषियों को आजीवन कारावास
बहराइच में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए रामगोपाल हत्याकांड मामले में अदालत ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया। अदालत ने मुख्य आरोपी सरफराज उर्फ रिंकू को फांसी की सजा सुनाई है, जबकि अन्य नौ दोषियों को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। सभी दोषियों पर एक-एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। इस फैसले के साथ 14 महीने पुराने इस संवेदनशील मामले में न्याय प्रक्रिया पूरी हो गई।
कड़ी सुरक्षा के बीच सुनाया गया फैसला
बृहस्पतिवार दोपहर बाद सभी 10 दोषियों को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच कोर्ट में पेश किया गया। अदालत परिसर में सुबह से ही भारी भीड़ और गहमागहमी देखने को मिली। मृतक पक्ष के परिजन, स्थानीय लोग और वकील लगातार कोर्ट की कार्यवाही पर नजर बनाए हुए थे। फैसले का इंतजार तनाव और उत्सुकता के बीच होता रहा।
बुधवार को आए निर्णय में अदालत ने अब्दुल हमीद, उसके पुत्र फहीम, सरफराज उर्फ रिंकू, तालिब उर्फ सबलू सहित कुल 10 आरोपियों को दोषी करार दिया था।
क्या था पूरा मामला?
13 अक्तूबर 2024 को महसी क्षेत्र में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान तनाव बढ़ा और इसी दौरान रामगोपाल की हत्या कर दी गई। यह घटना इतनी गंभीर थी कि दशहरे के पावन पर्व पर पूरा जिला हिंसा की आग में झुलस उठा।
स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स की तैनाती की गई। डीएम एवं एसपी लगातार मोर्चे पर डटी रहीं, फिर भी हालात सामान्य नहीं हो पाए।
स्थिति बिगड़ती देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हस्तक्षेप किया और एटीएस चीफ अमिताभ यश को मौके पर भेजा। उनके नेतृत्व में हालात धीरे-धीरे शांत हुए और जांच आगे बढ़ी।
परिजनों का दर्द आज भी ताजा
13 अक्तूबर का जिक्र आते ही मृतक रामगोपाल की मां मुन्नी देवी की आंखों में आंसू भर आते हैं। बेटा खोने का दर्द आज भी जस का तस है।
पत्नी रोली मिश्रा की आंखें हर दिन न्याय की प्रतीक्षा में पथरा गई थीं, जबकि पिता कैलाश नाथ मिश्र की तबीयत बेटे की मौत के बाद से लगातार खराब चल रही है। वे इस समय मेडिकल कॉलेज में भर्ती हैं और बड़े बेटे हरमिलन मिश्र उनकी देखभाल कर रहे हैं। रामगोपाल की हत्या के बाद हरमिलन ही पूरे परिवार का सहारा बने हुए हैं।
लापरवाही पर पुलिस अधिकारियों पर गिरी गाज
अपर पुलिस अधीक्षक डीपी तिवारी के अनुसार, घटना के अगले ही दिन हरदी एसओ सुरेश कुमार वर्मा और महसी चौकी इंचार्ज शिव कुमार सरोज को निलंबित कर दिया गया था।
तीन दिन बाद सुरक्षा व्यवस्था में गंभीर लापरवाही के आरोप में सीओ रुपेंद्र गौड़ पर भी कार्रवाई की गई।
मामले में विभागीय जांच अंतिम चरण में है और जल्द ही सभी के खिलाफ अंतिम कार्रवाई की संभावना है।



