करन माहरा और रेखा आर्य के बीच बयानबाजी का सिलसिला जारी

देहरादून: महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य के उत्तर प्रदेश में कराये जा रहे एक निजी धार्मिक कार्यक्रम का खाद्य विभाग के अधिकारी की ओर से अपने अधीनस्थ अधिकारियों को पत्र लिखकर न्योता देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। जिसके बाद से बाल विकास मंत्री रेखा आर्य और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के बीच वार-पलटवार का सिलसिला जारी है I

वहीं कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस मामले में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर सरकारी स्तर पर इस तरह के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मंत्री का यह निजी धार्मिक कार्यक्रम है। इस तरह के आदेश से प्रदेश में भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। वहीं इससे प्रदेश सरकार व उत्तराखंड राज्य की छवि भी धूमिल होगी।

अपर आयुक्त खाद्य पीएस पांगती की ओर से संभागीय खाद्य नियंत्रक गढ़वाल व कुमाऊं, प्रभारी संयुक्त नियंत्रक विधिक माप विज्ञान, उपायुक्त कार्यालय गढ़वाल व कुमाऊं, संभागीय वरिष्ठ वित्त अधिकारी एवं समस्त जिला पूर्ति अधिकारियों को पत्र लिखकर चार से नौ अगस्त तक बाबा वनखंडी नाथ मंदिर जोगी नवादा बरेली उत्तर प्रदेश में 105 शिवलिंग व मां बगुलामुखी माता एवं नंदी बाबा की प्राण प्रतिष्ठा का निमंत्रण दिया गया है।

पत्र में कहा गया है कि खाद्य विभाग के समस्त अधिकारियों व कर्मचारियों को निमंत्रण पत्र उपलब्ध करा दिए जाएं। अधिकारी के इस पत्र के मामले ने तूल पकड़ लिया है। हालांकि विभागीय अधिकारी का कहना है कि यह सरकारी पत्र या फिर विभागीय आदेश नहीं हैं।

महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास मंत्री रेखा आर्य का कहना है कि उन्होंने निमंत्रण दिया है कनपटी पर बंदूक नहीं रखी। स्वेच्छा है पुण्य कार्यक्रम में आप आना चाहते हैं या नहीं। उन्होंने कहा कि वह समझती हैं कि किसी को कार्यक्रम में रहना है या नहीं यह उसकी इच्छा पर निर्भर करता है। जब हम किसी को निमंत्रण देते हैं तो उसकी स्वेच्छा पर छोड़ते हैं।

कार्यक्रम में कुछ लोग पहुंचते हैं और कुछ नहीं पहुंचते। यह छोटी मानसिकता का प्रतीक है। साथ ही उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा पर सीधा निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा तब कहां थे जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अपनी पुत्री का वैवाहिक कार्यक्रम कर रहे थे। रेखा आर्य ने कहा कि धार्मिक आयोजन के लिए किसी अधिकारी को कोई निर्देश नहीं दिया गया है। हम उन संस्कारों में पले बढ़े हैं जिसमें धार्मिक कार्यक्रम के लिए निवेदन करने के साथ ही निमंत्रण दिया जाता है। इस कार्यक्रम के लिए समस्त प्रदेशवासी आमंत्रित हैं। 

जिसके जवाब में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का कहना है कि वह सुसंस्कृत परिवार से हैं उन्हें पता नहीं कि कनपटी पर बंदूक कैसे रखते हैं। सीएम ने एक आदेश पारित किया था, कुछ दिन पहले कि किसी भी अधिकारी व कर्मचारी को छुट्टी नहीं मिलेगी। बरसात का मौसम है आपदा आ सकती है। यह भी कहा था कि हम भ्रष्टाचार को सहन नहीं करेंगे। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के घर में कोई कार्यक्रम हो या सार्वजनिक कार्यक्रम हो उसका आप निमंत्रण दे सकते हैं। सरकारी उच्च अधिकारी के माध्यम से मातहतों को आदेश जारी नहीं कर सकते।

यह पत्र सरकारी पत्र है। एक निजी कार्यक्रम के लिए सरकारी आदेश करने का क्या कारण हैं। इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। कार्यक्रम भी उत्तर प्रदेश में हैं। जब सीएम खुद कह रहे हैं कि अधिकारी व कर्मचारी अपना स्थान नहीं छोड़ेंगे तो कर्मचारियों को बरेली आने के लिए कैसे कहा जा रहा है। यह तो सीएम के आदेश की अवहेलना है। इससे नई परिपाटी शुरू होगी, इससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश में बरसात और कावंड यात्रा चल रही है। कोई मंत्री इस तरह के आदेश करवाएगा तो यह निंदनीय है।

Previous articleप्रधानमंत्री की अपील: 13 से 15 अगस्त के बीच अपने घरों में फहराएं राष्ट्रध्वज
Next articleराष्ट्रपति चुनाव में 64 फीसदी वोट पाकर द्रौपदी मुर्मू ने बड़ी जीत की हासिल