देहरादून: पंचकेदारों में प्रसिद्ध तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट सोमवार को शीतकाल के लिए विधि विधान से बंद हो गये है। कपाट बंद होने की प्रक्रिया के अंतर्गत तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को समाधिस्थ किया गया।
मंदिर की परिक्रमा के पश्चात प्रथम पड़ाव चोपता के लिए प्रस्थान किया गया। जहां पर भगवान तुंगनाथ जी की डोली का भव्य स्वागत हुआ। सोमवार को देव डोली रात्रि विश्राम चोपता में करेगी। 8 नवंबर को देव डोली बड़तोली होते हुए भनकुन पहुंचेगी और रात्रि प्रवास भनकुन में रहेगा। इसके बाद देवडोली भनकुन से अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ पहुंच जायेगी। पूजा अर्चना के पश्चात डोली मंदिर गर्भगृह में विराजमान हो जायेगी।