बाल वाटिका शुरू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा उत्तराखंड

देहरादून: प्रदेश में छह जुलाई से सरकारी प्राथमिक स्कूलों में संचालित पांच हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका नाम से प्री स्कूल शुरू होंगे। इन प्री स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताबें शिक्षा विभाग की ओर से उपलब्ध कराई जाएंगी। 

राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के पाठ्यक्रम विभाग की ओर से वर्चुअल माध्यम से आयोजित कार्यशाला में शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी के मुताबिक नई शिक्षा नीति के तहत बाल वाटिका शुरू करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा। निदेशक, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण सीमा जौनसारी ने कहा कि बाल वाटिका (प्री स्कूल) को जुलाई से शुरू किया जा रहा हैं।

इसके लिए सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी निभानी होगी। आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के पास अभी तक पोषण से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी थी, लेकिन उनके पास अब शिक्षण कार्य की भी जिम्मेदारी होगी। जो काफी चुनौतीपूर्ण है।

इसमें बाल विकास विभाग का भी सहयोग लिया जा रहा है। प्रभारी अपर निदेशक आशा रानी पैन्यूली ने कहा कि हमें अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना है, जिससे हम आने वाली पीढ़ी का मार्गदर्शन कर सकें। विभागाध्यक्ष प्रदीप रावत ने कहा कि कार्यकर्ताओं को इसे एक अवसर के रूप में देखना चाहिए।

इसमें उनके लिए प्रशिक्षण व सर्टिफिकेट कोर्स की भी व्यवस्था की जा रही है, जिससे उनका व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ क्षमता संवर्द्धन भी हो पाएगा। इस दौरान कार्यक्रम में गंगा घुघत्याल, मोनिका गौड़, ऊषा कटियार, राय सिंह रावत आदि मौजूद रहे। 

Previous articleमोदी जी ने एसआईटी की पूछताछ पर कभी भी ड्रामा नहीं किया: अमित शाह
Next articleशिंदे पहले नाथ थे अब दास हो गए है: उद्धव ठाकरे