देहरादून: उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच द्वारा शहीद स्मारक में चलाया जा रहा धरना विगत 23 दिनों से लगातार जारी है। राज्य आंदोलनकारियों ने जिलाधिकारी कार्यालय का घेराव कियाI इस दौरान जिलाधिकारी कार्यालय में जिलाधिकारी समेत अपर जिलाधिकारी प्रशासन के मौजूद न रहने पर आंदोलनकारियों ने सख्त नाराजगी जाताई हैI उन्होंने प्रशासन पर आंदोलनकारियों की अनदेखी का आरोप लगाया हैI
गुरुवार को पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार उत्तराखण्ड राज्य आंदोलनकारी सयुंक्त मंच ने जिलाधिकरी कार्यालय का घेराव के दौरान किसी भी बड़े अधिकारी के कार्यलय में न होने पर आन्दोलनकारी बिफर पड़ेI इसके विरोध में उन्होंने , राज्य आंदोलनकारियों की अनदेखी बंद करो , मुख्यमंत्री वादा निभाओ राज्य आंदोलनकारियों की उपेक्षा करना बंद करो जैसे नारे लगाने शुरू कर दिए I जिसके बाद मजिस्ट्रेट मायाराम जोशी ज्ञापन लेने पहुंचे उन्होंने बताया कि अधिकारियों को राजभवन मीटिंग में व्यस्त हैंI तो राज्य आंदोलनकारियो ने ज्ञापन देने से मना कर दिया और वही जमे रहेI आंदोलनकारियों ने स्टाफ से नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि सूचना देने के बावजूद मौके पर कोई अधिकारी मौजूद नही है। जिसके बाद जिलाधिकारी ने तुरंत अपर जिलाधिकारी को ज्ञापन व वार्ता हेतु भेजा। जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में अपर जिलाधिकारी ने आंदोलनकारियों को आश्वस्त किया कि वे शीघ्र मुख्यमंत्री से वार्ता हेतु समय लेकर आंदोलनकारियों को अवगत कराएंगे।
आज के घेराव में मुख्यत जगमोहन सिंह नेगी , विक्रम भण्डारी, प्रदीप कुकरेती , क्रांति कुकरेती पूरण सिंह लिंगवाल , अंबुज शर्मा , सुरेश नेगी , विरेन्द्र पोखरियाल , कुलदीप कुमार , सुरेश कुमार , उर्मिला शर्मा, द्वारिका बिष्ट सरोजिनी थपलियाल, शारदा बहुगुणा, राधा तिवारी , लीला राणा, सावित्री नेगी , इंदु बिष्ट, रेणु नेगी, बीना बहुगुणा, शेर सिंह रावत, राजेन्द्र कोठारी, विक्रम भंडारी, उर्मिला डबराल, मंजू भट्ट, विरोजिनी भट्ट, युद्धवीर चौहान, बिल्लू वाल्मीकि, सुरेश नेगी, राजेश शर्मा, लोक बहादुर थापा, नवनीत गुसाईं, विक्रम नेगी प्रेम सिंह नेगी , अमित जैन , राजेश पांथरी, पुष्कर बहुगुणा , विजय बलूनी , लोक बहादुर थापा सुशील विरमानी , बलबीर सिंह नेगी , प्रभात डंडरियाल , हरिप्रकाश शर्मा , राजेंद्र कोठारी , शेर सिंह रावत , आदि शामिल थे। आज के क्रमिक अनशन में खटीमा से आए धर्मेन्द्र बिष्ट व उत्तरकाशी से शैलेन्द्र राणा समेत बड़ी संख्या में आन्दोलनकारी मौजूद रहे।