Uttarakhand News: पौड़ी में पांच वर्षों में गुलदार ने ले ली 27 की जान, 105 घायल; रुद्रप्रयाग में छात्रों के लिए शुरू हुई सुरक्षित वाहन सेवा
पौड़ी गढ़वाल और रुद्रप्रयाग जिलों में मानव–वन्यजीव संघर्ष लगातार भयावह रूप लेता जा रहा है। पिछले पांच वर्षों में पौड़ी गढ़वाल वन प्रभाग की छह रेंजों में गुलदार के हमलों ने 27 लोगों की जान ले ली, जबकि 105 से अधिक लोग घायल हुए हैं। इस वर्ष भी स्थिति गंभीर है, जहां अब तक पांच लोग गुलदार के हमले में मारे जा चुके हैं और 25 घायल हुए हैं।
वन विभाग के अनुसार वर्ष 2022 मानव–वन्यजीव संघर्ष का सबसे चिंताजनक वर्ष रहा, जब सात लोगों की मौत और 21 लोग घायल हुए। इसके बाद 2021 में 25 से अधिक घायल और छह मौतें दर्ज हुईं। वर्ष 2023 में हमले कम हुए, फिर भी एक व्यक्ति की मौत हुई।
इस वर्ष गुलदार के हमलों में पांच मौतें
पौड़ी गढ़वाल वन प्रभाग की पौड़ी रेंज नागदेव, पोखड़ा, पश्चिमी अमेली दमदेवल, पूर्वी अमेली थलीसैंण, दीवा धुमाकोट और पैठाणी रेंज में इस साल स्थिति फिर गंभीर हुई है।
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पहली मौत 2 जून को पूर्वी अमेली रेंज में दर्ज की गई।
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12 सितंबर और 13 नवंबर को पोखड़ा रेंज में दो मौतें,
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20 नवंबर और 4 दिसंबर को पौड़ी रेंज में दो और मौतें दर्ज हुईं।
कर्मचारी कमी से जूझ रहा वन विभाग
गढ़वाल वन प्रभाग में स्टाफ की भारी कमी वन्यजीव–मानव संघर्ष नियंत्रण को प्रभावित कर रही है।
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डिप्टी रेंजर के 12 पद, तैनात सिर्फ 3
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पौड़ी, पैठाणी, दमदेवल और धुमाकोट रेंज में एक भी डिप्टी रेंजर नहीं
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वन दरोगा के 54 पदों में कार्यरत 36
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वन आरक्षी के 89 पदों में कार्यरत 72
कर्मचारियों की कमी के चलते कई रेंजों में प्रभावी गश्त और निगरानी संभव नहीं हो पा रही है।
तीन प्रभावित क्षेत्रों में चार शूटर तैनात
गुलदार की बढ़ती गतिविधि को देखते हुए पौड़ी रेंज नागदेव के अंतर्गत
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गजल्ड में दो,
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कोटी और डोभाल ढांडरी में एक-एक शूटर तैनात किए गए हैं।
एसडीओ आयशा बिष्ट के अनुसार गजल्ड गांव में गुलदार दिखाई दे रहा है, लेकिन अभी तक शूटरों की रेंज में नहीं आया। विभाग ने कर्मचारियों की कमी को देखते हुए प्रशासन से 15 अतिरिक्त कर्मियों की मांग की है और प्रभावित गांवों में गश्त के लिए मानदेय पर 15-15 ग्रामीणों को शामिल करने की तैयारी है।
गुलदार नियंत्रण पर उच्चस्तरीय बैठक, दो निजी शूटरों की तैनाती के आदेश
मानव–वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए प्रमुख सचिव वन आर.के. सुधांशु ने विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक की।
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गजल्ड गांव में दो निजी शूटर तैनात करने के आदेश जारी किए गए।
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प्रभावित गांवों में क्या करें–क्या न करें संबंधी सामग्री वितरित करने के निर्देश दिए गए।
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रेंज और वन पंचायत स्तर पर व्हाट्सएप समूह तथा सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं के प्रसार पर जोर दिया गया।
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लोनिवि, जिला पंचायत और नगर निकायों को झाड़ी कटान अभियान शुरू करने को कहा गया।
लापता आशा कार्यकर्ता का नहीं मिला सुराग, सर्च ऑपरेशन जारी
थराली क्षेत्र के त्रिकोट गांव से लापता आशा कार्यकर्ता हेमा देवी का दूसरे दिन भी कोई पता नहीं लग पाया है।
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वन विभाग, पुलिस और 100 से अधिक ग्रामीणों ने जंगलों में सर्च अभियान चलाया।
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घर से करीब 10 मीटर दूर खून जैसे निशान मिले, लेकिन उन पर भी संशय है।
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पुलिस ने मोबाइल की सीडीआर जांच के लिए भेजी है और ड्रोन कैमरे से तलाशी जारी है।
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वन विभाग का कहना है कि जंगली जानवर के हमले की संभावना कम, क्योंकि घसीटने या संघर्ष के स्पष्ट निशान नहीं मिले।
रुद्रप्रयाग: छात्रों की सुरक्षा के लिए प्रशासन ने शुरू की निशुल्क वाहन सेवा
रुद्रप्रयाग जिले में गुलदार, भालू और अन्य जंगली जानवरों की बढ़ती सक्रियता के बीच बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए जिला प्रशासन ने बड़ा कदम उठाया है।
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28 गांवों के लगभग 200 विद्यार्थियों के लिए
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13 वाहनों की निशुल्क व्यवस्था शुरू की गई है।
अभिभावकों की चिंता को देखते हुए जिलाधिकारी प्रतीक जैन ने मुख्य शिक्षा अधिकारी को संवेदनशील मार्गों की पहचान कर छात्रों के लिए परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश दिए।
मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रमेंद्र बिष्ट के अनुसार चंद्रनगर, पालाकुराली, गोर्ति, बुढ़ना, चोपड़ा क्षेत्र के कई गांवों से आए प्रस्तावों के आधार पर विद्यालय स्तर पर सोमवार से यह व्यवस्था शुरू कराई गई है।



