Uttarakhand Politics: हरक सिंह की कुंडली में ‘नाड़ी षडाष्टक दोष’, इसलिए नहीं टिक पाते किसी पार्टी में — भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कटाक्ष

Uttarakhand: हरक सिंह की कुंडली में ‘नाड़ी षडाष्टक दोष’, इसलिए नहीं टिक पाते किसी पार्टी में…महेंद्र भट्ट का कटाक्ष

उत्तराखंड की सियासत इस समय गर्माती जा रही है। एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप और तीखे बयानों का दौर लगातार जारी है। इसी क्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत पर व्यंग्यात्मक प्रहार किया है।

भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा कि “हरक सिंह की कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष लगा हुआ है, इसी कारण वे किसी भी राजनीतिक दल में लंबे समय तक टिक नहीं पाते।” उनका बयान राजनीतिक गलियारों में तेजी से चर्चा का विषय बना हुआ है।

भाजपा संगठन CM धामी के जिलों के दौरे को लेकर बना रहा विस्तृत खाका

पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान भट्ट ने बताया कि संगठन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिसंबर माह में प्रस्तावित जिलों के दौरों को लेकर विस्तृत सांगठनिक योजना तैयार कर रहा है।

उन्होंने कहा कि संगठन का प्रयास रहेगा कि मुख्यमंत्री के प्रवास के दौरान वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक हो, ताकि—

  • स्थानीय विकास योजनाओं,

  • जनसमस्याओं,

  • तथा कार्यकर्ताओं के मुद्दों

पर विस्तार से चर्चा की जा सके और उनकी समस्याओं का तुरंत समाधान ढूंढा जा सके।

भट्ट ने कहा कि अगले एक-दो दिनों में इस दौरे का अंतिम रोडमैप तय कर दिया जाएगा।

एसआईआर मामले में भाजपा पूरी तरह तैयार

एसआईआर मामले से जुड़े सवाल पर महेंद्र भट्ट ने कहा कि भाजपा इस पूरी संवैधानिक प्रक्रिया में चुनाव आयोग का पूरा सहयोग करेगी।

उन्होंने कहा कि पार्टी संगठन और कार्यकर्ता आयोग को आवश्यक सभी मदद मुहैया कराएंगे तथा इसके लिए विस्तृत कार्ययोजना जल्द तैयार कर ली जाएगी।

“पहले सपा, फिर बसपा… अब कांग्रेस में कितने दिन टिकेंगे, उन्हें खुद भरोसा नहीं”

भट्ट ने कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत द्वारा भाजपा नेताओं पर की जा रही लगातार बयानबाजी का जवाब देते हुए चुटकी ली।

उन्होंने कहा,
“वह दूसरों की हस्तरेखा देखने में व्यस्त हैं, जबकि उनकी अपनी कुंडली में नाड़ी षडाष्टक दोष है। इसी वजह से वे किसी पार्टी में टिक नहीं पाते। पहले सपा में गए, फिर बसपा में गए, लेकिन कहीं जन्मपत्री नहीं जुड़ी। भाजपा में तो जुड़ने का अवसर ही नहीं आया। अब कांग्रेस में कितने दिन टिकेंगे, इसका भरोसा शायद उन्हें खुद भी नहीं।”

उत्तराखंड की राजनीति में तेज होती बयानबाजी और बढ़ती कटुता से यह स्पष्ट है कि आने वाले दिनों में सियासी तापमान और बढ़ने वाला है।

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