​पोखरी की बेटी ‘आइशा’ नें रचा इतिहास

पोखरी की बेटी ‘आइशा’ नें रचा इतिहास! पहाड़ से शिक्षा के लिए पलायन करनें वालों को दिखाया आईना!

ग्राउंड जीरो से संजय चौहान

भले ही लोगों की नजर में पहाड़ आज भी पहाड़ है। बेहतर शिक्षा के लिए लोग हर रोज पहाड़ छोड़ रहे हैं। लेकिन आज आये उत्तराखंड बोर्ड के 10 वीं और 12 वीं के नतीजों नें एक बार फिर साबित कर दिया है कि पहाड़ में रहकर भी सुनहरे भविष्य की लकीर खींची जा सकती है। पहाड़ में सीमित संसाधनों के बाबजूद भी नौनिहालो नें कभी हार नहीं मानी। पहाड़ कभी भी प्रतिभाओं का मोहताज नहीं रहा है। पहाड के नौनिहालों नें विपरीत परिस्थितियों में भी अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है। पहाड़ के गुदडी के लालों नें एक बार फिर अपना परचम लहराया है।
उत्तराखंड बोर्ड की 10 वीं परीक्षा में पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर आने वाली आइशा चमोली के पोखरी ब्लाक के सिनाऊं तल्ला-मल्ला गाँव के यशवंत सिंह रावत और पुष्पा देवी की बेटी है। आइशा के पिता की हार्डवेयर और बर्तन भंडार की दुकान है तो मां गृहिणी। आइशा अगस्त्यमुनि में किराये के घर में रहकर पढ़ाई करती थी। पढ़ाई के साथ साथ वो घर का सारा कार्य भी करती थी। आइशा के पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान पर आने से पूरे चमोली और रूद्रप्रयाग में खुशी की लहर दौड़ गयी है।

गौरी मेमोरियल पब्लिक स्कूल अगस्त्यमुनि की छात्रा आइशा ने 10वीं के एग्जाम में 98.40 फीसदी अंकों से साथ पूरे प्रदेश में टॉप किया है। आइशा ने 500 में से 492 अंक हासिल कर ये मुकाम हासिल किया है। आइशा नें टैगोर चिल्ड्रन अकादमी पोखरी से कक्षा 8 की परीक्षा उत्तीर्ण की थी। आइशा अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने पिता यशवंत रावत, मां पुष्पा रावत और अपने टीचरों को देती है। आइशा का सपना है कि वो इंजीनियर बनकर देश की सेवा करेगी।

आइशा न एक साथ चमोली और रूद्रप्रयाग जनपद का नाम रोशन किया है। साथ ही उन लोगों के लिए एक उदाहरण पेश किया है जो पहाड़ को आज भी पहाड़ मानते हैं।
आइशा पूरे पहाड़ को आप पर नाज है। ढेरों बधाईया।
ग्राउंड जीरो से संजय चौहान की रिपोर्ट।

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