उत्तराखंड: भालू के हमले में गंभीर घायलों को 10 लाख तक की सहायता, वन विभाग शासन को भेजेगा प्रस्ताव
उत्तराखंड में लगातार बढ़ रहे मानव–वन्यजीव संघर्ष को देखते हुए वन विभाग ने बड़ी पहल की है। भालू के हमले में गंभीर रूप से घायल होने वाले लोगों को अब इलाज के लिए 10 लाख रुपये तक की अनुग्रह राशि देने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है। यह प्रस्ताव जल्द ही शासन को भेजा जाएगा।
मंगलवार को प्रमुख वन संरक्षक (PCCF) रंजन मिश्रा की अध्यक्षता में हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में मानव–वन्यजीव संघर्ष, विशेषकर भालू के बढ़ते हमलों को रोकने और प्रभावितों को सहायता देने पर विशेष जोर दिया गया।
घायल व्यक्तियों के इलाज और व्यय की होगी प्रतिपूर्ति
पीसीसीएफ मिश्रा ने बताया कि वन विभाग की ओर से मानव–वन्यजीव संघर्ष में घायल व्यक्तियों को अस्पताल तक पहुँचाने की व्यवस्था की जाती है। कई मामलों में ग्रामीणों को अन्य स्थानों पर अस्थायी ठहराव भी करना पड़ता है। विभाग ने प्रस्ताव में इन व्ययों की भी प्रतिपूर्ति करने का अनुरोध शासन से किया है।
अधिकारियों का कहना है कि कई बार पीड़ितों को तत्काल चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने में काफी खर्च आता है, जिसे देखते हुए अनुग्रह राशि बढ़ाने की आवश्यकता महसूस हुई।
भालू हमलों वाले क्षेत्रों में होगा विशेष अध्ययन
बैठक में निर्णय हुआ कि जिन इलाकों में भालू के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, वहां जैव विविधता बोर्ड और वन अनुसंधान विभाग के माध्यम से विस्तृत अध्ययन कराया जाएगा। अध्ययन के आधार पर समाधान के लिए क्षेत्र विशेष की रणनीति बनाई जाएगी।
ग्राम स्तर पर जन-जागरूकता और अतिरिक्त मानव शक्ति की मांग
अधिकारियों ने बताया कि वन्यजीव संघर्ष को कम करने के लिए गांवों में जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। झाड़ी कटान, निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था के लिए अतिरिक्त मानव संसाधन की भी मांग की गई।
पीसीसीएफ मिश्रा ने कहा कि वनाग्नि और मानव–वन्यजीव संघर्ष दोनों ही बड़ी चुनौतियां हैं, इसलिए नियमों के अनुसार अधिक चौकसी और वॉचर तैनात करने की जरूरत है।
स्कूलों का समय बढ़ाने का अनुरोध
बैठक के दौरान गढ़वाल वन संरक्षक ने चौंकाने वाली जानकारी दी कि रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के कई क्षेत्रों में सुबह के समय स्कूल मार्ग पर भालू दिखाई दे रहे हैं।
इस पर वन विभाग ने जिला प्रशासन को स्कूलों का समय एक घंटा आगे बढ़ाने का अनुरोध किया है, ताकि बच्चे सुरक्षित रहें और भालू गतिविधियों के समय उनसे दूरी में रहें।
बैठक में मौजूद रहे अधिकारी
बैठक में पीसीसीएफ एस.बी. सुबुद्धि, अपर प्रमुख वन संरक्षक मीनाक्षी जोशी, सुशांत पटनायक सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।



