देहरादून: उत्तराखंड की प्रसिद्ध चारधाम यात्रा अब अंतिम चरण में पहुंच गई है। केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट पहले ही शीतकालीन अवकाश के लिए बंद किए जा चुके हैं। अब बदरीनाथ धाम के कपाट भी आगामी 25 नवंबर को विधिवत रूप से बंद कर दिए जाएंगे, जिसके साथ ही इस वर्ष की चारधाम यात्रा का समापन हो जाएगा।
यात्रा में 50.62 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन
पर्यटन विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2024 की चारधाम यात्रा में अब तक 50.62 लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं। बढ़ती ठंड के बीच भी बदरीनाथ धाम में यात्रा सुचारू रूप से जारी है, हालांकि तापमान गिरने के कारण श्रद्धालुओं की संख्या घट रही है। गुरुवार को केवल 2,500 श्रद्धालुओं ने ही दर्शन किए।
कड़ाके की ठंड: जमने लगे नदी-नाले
बदरीनाथ क्षेत्र में तापमान तेजी से गिर रहा है। देर रात का तापमान माइनस 8 से माइनस 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। लगातार बढ़ रही ठंड का असर यह है कि—
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कई स्थानीय नदी-नाले जमने लगे हैं
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बामणी गांव के सामने बहने वाली ऋषिगंगा नदी का पानी जम चुका है
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बदरीश झील में बर्फ की परत बनने लगी है
अक्टूबर से ही बदरीनाथ में कड़ाके की ठंड बढ़नी शुरू हो गई थी, लेकिन पिछले कुछ दिनों में तापमान में तेजी से गिरावट आई है।
शीतकालीन यात्रा पर अब रहेगा फोकस
बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के बाद सरकार का ध्यान विंटर चारधाम यात्रा की तैयारियों पर केंद्रित रहेगा। शीतकालीन यात्रा के दौरान श्रद्धालु—
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देहरादून
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हरिद्वार
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उखीमठ (केदारनाथ की शीतकालीन गद्दी)
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मुखबा (गंगोत्री की शीतकालीन गद्दी)
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खरसाली (यमुनोत्री की शीतकालीन गद्दी)
स्थित गद्दी स्थलों पर पूजा-अर्चना कर सकेंगे।
25 नवंबर को बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही चारधाम यात्रा 2024 का सफल यात्रा सीजन समाप्त हो जाएगा।



