लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने हार्ट अटैक के मरीजों की जान बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए पूरे राज्य के सरकारी अस्पतालों में 40 से 50 हजार रुपये तक की कीमत वाले जीवनरक्षक इंजेक्शन को मुफ्त करने का फैसला लिया है। अब यह सुविधा मेडिकल कॉलेजों, जिला अस्पतालों और प्रमुख सीएचसी (CHC) में उपलब्ध होगी।
हार्ट अटैक के मामलों में शुरुआती उपचार सबसे अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसी को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने यह निर्णय लिया है कि मरीज के इमरजेंसी में पहुंचते ही उसे तुरंत टेनेक्टेप्लाज या स्ट्रेप्टोकाइनेज का इंजेक्शन लगाया जाएगा।
🔹 क्यों अहम है यह इंजेक्शन?
हार्ट अटैक के दौरान शरीर में खून का थक्का जमने लगता है, जिससे मरीज की हालत तेजी से बिगड़ सकती है।
यह इंजेक्शन—
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खून का थक्का बनने से रोकता है,
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मरीज की स्थिति स्थिर करता है,
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और उसे आगे के उपचार के लिए सुरक्षित रूप से सुपर स्पेशियलिटी अस्पतालों में रेफर किया जा सकता है।
🔹 अब पूरे प्रदेश में उपलब्ध—पहले चरण से विस्तार
पहले यह सुविधा केवल चुनिंदा अस्पतालों में थी, जैसे—
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केजीएमयू
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एसजीपीजीआई
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डॉ. लोहिया संस्थान
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बीएचयू
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सैफई मेडिकल संस्थान
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एएमयू अलीगढ़
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एमएलएन मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज
अब इसे हब एंड स्पोक मॉडल के तहत प्रदेश के हर जिला अस्पताल और उन सीएचसी में लागू किया जा रहा है, जहां ईसीजी और अन्य जरूरी जांच सुविधाएं मौजूद हैं।
🔹 स्वास्थ्य अधिकारियों ने दिए स्पष्ट निर्देश
स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. रतनपाल सिंह सुमन ने बताया कि सभी मुख्य चिकित्साधिकारियों को इन इंजेक्शनों का पर्याप्त स्टॉक रखने के आदेश दिए गए हैं।
उन्होंने कहा—
“यह इंजेक्शन समय पर लगाया जाए तो कई जानें बचाई जा सकती हैं। इसलिए इसे हर जिले की इमरजेंसी में उपलब्ध कराना अनिवार्य है।”
महानिदेशक प्रशिक्षण डॉ. पवन कुमार अरुण ने बताया कि लखनऊ, वाराणसी, अलीगढ़, मेरठ, कानपुर, अयोध्या, देवीपाटन सहित कई मंडलों में यह सुविधा शुरू की जा चुकी है।
उन्होंने बताया कि इमरजेंसी डॉक्टरों को इंजेक्शन देने की पूरी प्रक्रिया का प्रशिक्षण दिया गया है और अगले महीने तक यह सुविधा पूरे प्रदेश में उपलब्ध हो जाएगी।
🔹 उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही यह बात
उप मुख्यमंत्री ने कहा—
“सरकार का लक्ष्य है कि हर मरीज को बिना आर्थिक बोझ के बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले। जो इंजेक्शन निजी अस्पतालों में 40 हजार रुपये तक का है, वह अब सरकारी अस्पतालों में मुफ्त उपलब्ध है। आने वाले समय में अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में भी उन्नत सुविधाएं निःशुल्क प्रदान की जाएंगी।”



