संस्कृति के नाम पर यूनिफार्म बदलेंगे सीएम, पर शराब बंदी पर रहेंगे मौन

देहरादून- प्रदेश की बदहाल स्तिथी को सुधारने और विकास कार्यों पर ध्यान देने से ज्यादा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत जनता के आगे कोई न कोई ऐसा बयान दिए जा रहे है जिससे जनता का ध्यान विकास कार्यों और भृस्टाचार से हटे और ऐसा ही कुछ 2 दिन पूर्व उन्होने किया जहा देहरादून में यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज (यूपीईएस) के 15वें दीक्षांत समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि पहुंचे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कार्यक्रम के दौरान गाउन पहनने से इंकार करके सबको चौंका दिया। फिर खुद ही साफ किया कि यह गाउन फिरंगियों की पोशाक है, इसलिए नहीं पहनेंगे।
अब रावत जी ये जवाब दे कि आखिर लोग क्यो अच्छी शिक्षा के लिए ईसाई मिसनरी की कान्वेंट स्कूलों की तरफ भाग रहे है, क्या उन्हें नही दिख रहा कि हमारे लिए बेहतर शिक्षा कहा है। क्योंकि सरकारी संस्थानों की बदहाल स्तिथी को देखकर लोगो का भरोसा उनसे उठता जा रहा है। वही सरकारी स्कूलों के टीचरों के लिए भी यूनिफार्म लागू करने को लेकर भी लोगो ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि स्कूलों की बदहाल स्तिथी सुधारना सीएम और शिक्षा मंत्री की प्राथमिकता होनी चाहिए न कि टीचरों के लिए यूनिफार्म लागू करना। इसी तरह के बयान एक समय मे पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी दिया करते थे। जिसका परिणाम उन्हें विधानसभा चुनाव में भुगतना पड़ा था। क्योंकि ये पब्लिक है ये सब जानती है।

गाउन को फिरंगियों की पोशाक बताने वाले रावत जी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे लाइन अब तक आपकी भाजपा सरकार की जगह फिरंगियों के हाथ में होती तो कब की बन चुकी होती। इसलिए काम वो करो जिससे जनता लम्बे समय तक खुश रहे न की दीक्षांत समारोह में आपके बयानों पर दो मिनट तालिया बजाकर चलती बने। वही सोशल मीडिया पर लोगो का ये भी कहना है कि देवभूमि में बिक रही शराब को तो सीएम साहब रोक नही पाये बल्कि जब मातृशक्ति ने शराब का विरोध किया तो उन पर पुलिस बल प्रयोग किया गया, संस्कृति की बात करने वाले सीएम साहब ये बताए कि क्या ये सब हमारी संस्कृति है जो शराब का विरोध करने वाली हमारी माताओ बहनों के साथ की जा रहा है। इसलिए सीएम साहब गाउन जैसी ड्रेस बदलने से ज्यादा पहाड़ की तस्वीर, पहाड़ियों की तकदीर और अपनी सोच बदलने पर ध्यान दें।

वही सीएम द्वारा ये एलान भी किया कि दीक्षांत समारोह में गाउन की जगह भारतीय परिधान की शुरुआत उत्तराखंड से की जाएगी। यह परिधान प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा। लेकिन क्या ये कदम उठाने से शिक्षा का स्तर सच मे सुधरेगा।

समारोह में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावडेकर, प्रदेश के राज्यपाल डा. केके पाल, प्रदेश के उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डा. धन सिंह रावत मंच पर गाउन पहनकर बैठे हुए थे।

नई यूनिफार्म में होगी उत्तरखंडी संस्कृति की झलक- धन सिंह

हम उत्तराखण्ड में गाउन की जगह भारतीय परिधान शुरू करेंगे जिसमे उत्तरखंड की संस्कृति भी दिखेगी और खादी का इस्तेमाल भी किया जाएगा। इसके लिए जल्द ही कमेटी का गठन किया जाएगा। जिंसके बाद ये यूनिफार्म 2-3 महीने में लागू कर दी जाएगी। जिंसके बाद उत्तराखण्ड के हर हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट के दीक्षांत समारोह में इसका इस्तेमाल किया जाएगा

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