देहरादून- वर्तमान में उत्तराखंड में बढ़ रहे अपराधों को अंजाम देकर अपराधियों के जंगल मे शरण लेने की बाते लगातार सामने आ रही है, और इन अपराधियों को जंगल में ही धर दबोचने के लिए पुलिस कर्मियों को ‘जंगल सर्वाइवल’ का विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत पुलिस कर्मियों को अलग अलग समूह में एक सप्ताह तक बिना राशन पानी के जंगलों में भेजा जाएगा। साथ ही इन्हें अपनी जिंदगी बचाने के लिए कुछ उपकरण दिए जाएंगे जिससे ये खुद ही जंगलों में अपने भोजन पानी की व्यवस्था करने के साथ ही खुद को सुरक्षित भी रख सकें।
प्रदेश का लगभग 68 प्रतिशत भूभाग वन(जंगल) है। वर्तमान में माओवादियों और वन तस्करों के बसेरा जंगलों में लगातार बढ़ रहा है जहा से ये पुलिस को चमका देकर फरार होने में कामयाब हो जाते है। क्योकि पुलिस दिन भर जंगल मे अपराधियों की तलाश कर रात में वापस आ जाती थी लेकिन अब ऐसा नही होगा।
इसीलिए पुलिस मुख्यालय द्वारा पीएसी की तीन और आईआरबी की दो कंपनियों में से 30-30 पुलिस कर्मियों के समूह को ट्रेनिंग दी जाएगी।पीएसी की 31वीं वाहिनी को उधमसिंगनगर,46वीं वाहिनी को नैनीताल, 40वीं वाहिनी को हरिद्वार के जंगलों में ट्रेनिंग दी जाएगी, साथ ही आईआरबी को अल्मोड़ा व देहरादून के जंगलों में ट्रेनिंग दिया जाएगी।
इस संबंध में पुलिस महानिदेशक एमए गणपति का कहना है कि वर्तमान में अपराध कर जंगलों में छुप रहे अपराधियो पर पकड़ने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है जिसकी ट्रेनिंग अगले दस दिन के अंदर शुरू कर दी जाएगी।