तिब्बती धर्मगुरु ने थुपसनलिंग गोंपा के नए अध्ययन केंद्र में दर्शकों को किया संबोधित

देहरादून: तिब्बती धर्मगुरु दलाईलामा ने लद्दाख दौरे के समापन अवसर पर लेह के डिस्किट साल स्थित थुपसनलिंग गोंपा के नए अध्ययन केंद्र में दर्शकों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि जल्द ही वो समय आएगा जब लद्दाखियों को फिर से ल्हासा जाने का अवसर मिलेगा।

उन्होंने आगे कहा कि तिब्बती अब पूर्ण आजादी नहीं मांगे रहे बल्कि वे केवल बुनियादी स्वयत्तता की मांग कर रहे हैं। समय तेजी से बदल रहा है। इस बदलते समय के साथ ल्हासा जाने के रास्ते जल्द खुलेंगे।

धर्मगुरु ने कहा कि राजनीतिक जिम्मेवारी से सेवानिवृत्त होने से पहले ही हमने बीच का रास्ता अपनाया है। अब हम तिब्बत के लिए सर्वसम्मत समाधान की मांग कर रहे हैं, जिसका रास्ता स्वायत्तता से होकर गुजरता है। हम पूर्ण स्वतंत्रता की जगह बुनियादी स्वयत्तता चाहते हैं ताकि अपनी पहचान, भाषा, समृद्ध बौद्ध सांस्कृतिक विरासत को बचा सकें। ल्हासा में मुस्लिम समुदाय बेहद शांतिप्रिय है।

धर्मगुरु ने बाद में सिंधु घाट पर विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए अहिंसा और करुणा को अपने जीवन में आत्मसात करने पर जोर दिया।

उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के जीवन से मार्टिन लूथर किंग और नेलसन मंडेला जैसे नेताओं ने सीखकर मिसाल कायम की है। आधुनिक शिक्षा में अहिंसा और करुणा को प्राथमिकता से शामिल करने की जरूरत है।

धर्मगुरु ने आगे कहा कि हिमालय क्षेत्र के लोग लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक नालंदा परंपरा की सुरक्षा और संरक्षण में अहम योगदान दे रहे हैं। हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए ज्यादा से ज्यादा पौधरोपण करना चाहिए। 

Previous articleडॉक्टरों के लिए बनाई जाएगी अलग तबादला नीति, हिमाचल की नीति का किया जाएगा अध्ययन
Next articleविधानसभा चुनाव से पूर्व भाजपा कार्यकर्ता हिमाचल में संभालेंगे मोर्चा