कोटद्वार- देश भर मे स्वच्छ भारत अभियान के तहत साफ-सफाई व शौचालयों का निर्माण किया जा रहा है। सरकार द्वारा विज्ञापनों के जरिये घर मे पहले शौचालय बनवाओ फिर बहु लाओ पर भी जोर दिया जा रहा है। और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत द्वारा स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अंतर्गत उत्तराखण्ड राज्य में 22 जून 2017 को खुले में शौच की प्रथा से मुक्त होने को लेकर एएमएन ऑडीटोरियम(ONGC) में कार्यक्रम किया, वही अब भी कई स्थानों पर शौचालयों का निर्माण नही हो पाया है। इसका एक उदाहरण कोटद्वार में भी सामने आने से उत्तराखण्ड के स्वच्छ भारत मिशन की पोल खुली है आज भी पहाड़ की माँ, बहन, बेटियो को खुले में शौच जाना पड़ रहा है जो कि बहोत ही शर्म की बात है। ताजा मामला देश की सुरक्षा में कई बड़े नाम देने वाले पौड़ी जनपद के कोटद्वार स्तिथ किशनपुर से प्रकाश में आया है। यहां भाबर की ग्राम पंचायत लोकमणीपुर के शीतलपुर गांव निवासी एक नवविवाहिता ने घर में शौचालय न होने पर अपना ससुराल छोड़ दिया।
इतना ही नही पति को चेतावनी भी दे डाली कि जब तक घर में शौचालय नहीं बनेगा तब तक वह ससुराल वापस नहीं आएगी। इसके बाद से पति टॉयलेट बनवाने में जुटा है। भावर छेत्र में आज कई स्थानों पर लोग खुले में शौच जाने को मजबूर है सोचिए फिर गढ़वाल के पहाड़ी व अन्य ग्रामीण छेत्रो का क्या हाल होगा।
जहां एक ओर मोदी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत देशवासियों के लिए घर-घर में शौचालय बनवाने के दावे कर रही है, वहीं भाबर के लोकमणीपुर ग्राम पंचायत के शीतलपुर समेत कई गांवों में आज भी लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं यही हालत पहाड़ में भी कई जगह अब भी देखने को मिल रही है।