देहरादून: स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले के बाद उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग(यूकेएसएसएससी) के अध्यक्ष एस राजू ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया । इस्तीफे के बाद उन्होंने ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती परीक्षा की धांधली पर कार्रवाई न होने पर नाराजगी जताई
आयोग के चेयरमैन एस राजू ने पेपर लीक मामले में धांधली को लेकर नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दिया है। उत्तराखंड में 2016 में ग्राम पंचायत अधिकारी भर्ती परीक्षा की धांधली पर कार्रवाई न होने से भी अध्यक्ष एस राजू खफा नजर आए। उन्होंने इस्तीफा देने के बाद कहा कि वह विजिलेंस को छह बार पत्र भेज चुके हैं, लेकिन विजिलेंस ने मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई छह साल में नहीं की।
एस राजू ने बताया कि 2016 में हुई वीपीडीओ भर्ती में ओएमआर शीट से छेड़छाड़ की जांच फॉरेंसिक लैब को भेजी गई थी। लैब ने अपनी रिपोर्ट में यह स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा के बाद ओएमआर शीट में छेड़छाड़ की गई थी। मामले की विजिलेंस जांच बैठाई गई थी लेकिन छह साल में विजिलेंस ने कोई कार्रवाई नहीं की है।
एस राजू ने बताया कि उन्होंने इस मामले में करीब छह बार विजिलेंस के अधिकारियों को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। बावजूद इसके विजिलेंस मुकदमा दर्ज करने के अलावा कोई कार्रवाई अमल में नहीं ला पाई है। उन्होंने कहा कि यह विजिलेंस की भूमिका पर भी सवाल खड़े कर रहा है।
विजिलेंस ने वीपीडीओ भर्ती में जो मुकदमा दर्ज किया हुआ है, उसमें तत्कालीन कई अधिकारियों और कर्मचारियों पर शिकंजा कस सकता है।
एस राजू ने कहा कि उन्होंने कई मामलों में एफआईआर दर्ज कराई हैं। फॉरेस्ट गार्ड भर्ती में तो ब्लूटूथ से पेपर लीक करने के बाद कई मुकदमे हुए थे लेकिन पुलिस ने अपने स्तर से ही कार्रवाई की। आयोग से कोई जानकारी साझा नहीं की गई। कई और मुकदमों में पुलिस ने सुस्ती दिखाई।