रुड़की।
रुड़की सिविल अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की साख उस समय कटघरे में आ गई, जब विजिलेंस विभाग ने बड़ी कार्रवाई करते हुए इमरजेंसी में तैनात एक डॉक्टर को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया। यह कार्रवाई शनिवार देर रात की बताई जा रही है, जिससे अस्पताल परिसर में हड़कंप मच गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, आरोपी डॉक्टर की ड्यूटी सिविल अस्पताल की इमरजेंसी में लगी हुई थी। आरोप है कि डॉक्टर ने एक मरीज से मेडिकल से जुड़ी सप्लीमेंट्री प्रक्रिया के नाम पर 20 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। पीड़ित ने इस मामले की शिकायत विजिलेंस विभाग से की, जिसके बाद पूरे प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए विजिलेंस टीम ने ट्रैप कार्रवाई की योजना बनाई।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी डॉक्टर ने करीब 20 दिन पहले ही रुड़की सिविल अस्पताल में ज्वॉइन किया था। इससे पहले वह मसूरी में तैनात था। तय योजना के तहत जैसे ही डॉक्टर ने पीड़ित से रिश्वत की रकम ली, वैसे ही विजिलेंस टीम ने इमरजेंसी में ही उसे मौके पर दबोच लिया।
विजिलेंस की इस कार्रवाई के बाद अस्पताल परिसर में अफरा-तफरी का माहौल बन गया। मौके पर मौजूद अस्पताल कर्मियों और मरीजों के बीच भी घटना को लेकर चर्चाएं होती रहीं। विजिलेंस टीम आरोपी डॉक्टर को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
विजिलेंस अधिकारियों ने बताया कि आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि कहीं डॉक्टर पहले भी इस तरह की अवैध गतिविधियों में तो शामिल नहीं रहा है।
इधर, इस घटना के सामने आने के बाद सिविल अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठने लगे हैं। आम लोगों का कहना है कि यदि इमरजेंसी जैसी संवेदनशील सेवा में तैनात डॉक्टर पर रिश्वतखोरी के आरोप साबित होते हैं, तो यह पूरे स्वास्थ्य तंत्र के लिए गंभीर चिंता का विषय है। विजिलेंस विभाग ने स्पष्ट किया है कि भ्रष्टाचार के खिलाफ आगे भी सख्त कार्रवाई जारी रहेगी।



