उत्तरकाशी। पिछले 14 वर्षों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर रह रहे रसिया के एक नागरिक को स्थानीय अभिसूचना इकाई की शिकायत पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया तथा विदेशी नागरिक को गिरफ्तार किया। साथ ही इसकी सूचना रसिया के दूतावास को भी भेजी गई। रसियन नागरिक बीती 15 अप्रैल को उत्तरकाशी के डामटा क्षेत्र में आया था तथा वहां छानी (अस्थायी गौशाला) के पास टेंट लगा कर रह रहा था।
उत्तरकाशी के नौगांव ब्लाक के डामटा क्षेत्र में छानियों के पास एक विदेशी नागरिक के होने की सूचना स्थानीय अभिसूचना इकाई को मिली। सूचना पर एलआइयू के उप निरीक्षक अरुण पांडेय डामटा से दो किलोमीटर नौगांव की ओर निर्जन स्थान पर एक छानी के पास गए।
यहां रसिया निवासी सेरगुए रजेवजेइव (55 वर्ष) एक टेंट में रह रहा था। पूछताछ पर सेरगुए ने अपना वीजा एवं पासपोर्ट दिखाया, लेकिन सेरगुए के पास जो पासपोर्ट था वह वलर््ड पासपोर्ट था। जो अमेरिका की एक प्राइवेट कंपनी वलर््ड सर्विस अथॉरटी की ओर से जारी किया गया था। यह पासपोर्ट भारत में मान्य नहीं है। साथ ही भारत
सरकार ने ट्रेवल डॉक्यूमेंट के रूप में कोई दस्तावेज जारी नहीं किया है।
इसके बाद सेरगुए को 29 जून को उत्तरकाशी स्थित स्थानीय अभिसूचना इकाई कार्यालय में तलब किया गया। एलआइयू के अधिकारियों ने इस संबंध में भारत सरकार के संबंधित विभागों से संपर्क किया तथा विधिक कार्रवाई की सलाह ली गई। शनिवार को उत्तरकाशी कोतवाली में सेरगुए के खिलाफ बिना पासपोर्ट व वीजा के रहने पर मुकदमा दर्ज किया गया।
रविवार को आरोपी विदेशी नागरिक को न्यायाधीश के समुख पेश किया जाएगा। एसपी ददन पाल ने बताया कि पूछताछ में सेरगुए ने बताया कि वह 1999 में रसिया से बनाए गए पासपोर्ट वीजा के आधार वह भारत आया था। इसकी वैधता 2003 तक थी। जिसके बाद उसने वलर््ड सर्विस अथॉरटी कंपनी से पासपोर्ट बनाया। इस दौरान वह भारत
के मथुरा, आगरा, हिमाचल प्रदेश के धर्मशाला, हरिद्वार, ऋषिकेश में भी रहा। 1999 से पहले रसिया में वह स्पोटर्स क्लब चलाता था और भारत भ्रमण के दौरान वह भजन कीर्तन तथा योग करता था।