हरिद्वार- कुछ दिन पहले होटलों में चेकिंग की नाम पर दो सिपाहियों पर चार प्रेमी जोड़ों को छोड़ने के नाम पर 40 हज़ार रुपये लेने का आरोप लगा था। इस मामले की शिकायत मिलने पर इसमें अब तक जांच कराई जा रही थी। मामले में दोषी एक सिपाही देशराज एन्टी ह्यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट में तैनात है तो दूसरा प्रदीप कोतवाली सिटी का सिपाही है।
दरअसल जुलाई में एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट ने हरिद्वार के एक होटल में छापेमारी की थी जहा जबरन वेश्यावृत्ति कराई जा रही दो लड़कियां बरामद हुई थी,जिन्हें पुलिस टीम द्वारा छुड़ा लिया गया था। इनके साथ ही दो युवकों को भी गिरफ्तार किया गया था। उसी समय चैकिंग के दौरान होटल से चार अन्य प्रेमी जोड़ों को भी पकड़ा गया था। जिनमे एक सिडकुल के पास स्थित गांव का था। जबकि दूसरा जोड़ा लक्सर के निकट एक गांव का था, इसके अलावा दो जोड़े जवालापुर के भी थे जिन्हें पुलिस साथ में ही थाने ले आयी थी। इसके बाद सभी से पूछताछ करने पर उनके परिजनों को कोतवाली बुलाया गया था। इनके भविष्य को देखते हुए इन्हें छोड़ने का फैसला किया गया था। लेकिन इस दौरान आरोप था कि दोनों सिपाहियों ने उनके परिजनो से मामला रफा-दफा करने के नाम पर पैसे लिए। मामला निपटने के कुछ दिन बाद ही इसकी शिकायत पुलिस से कर दी गई। कप्तान ने इन घटना को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच कराई और दोनों पुलिसकर्मियों को निलम्बित करने के आदेश जारी कर दिये। एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट की प्रभारी साधना त्यागी ने बताया की दोनों सिपाहियों को निलंबित कर दिया गया है। इसकी जांच की गई थी और जांच के बाद ही कार्रवाई हुई है। वही कार्रवाई से पुलिस कर्मियों में हड़कंप मच हुआ है। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके के कड़े रुख से पुलिस कर्मियों में खौफ बना हुआ है। वही एसएसपी का कहना है कि दोषियों को सजा मिलनी जरूरी है फिर चाहे वो कोई भी हो।