उत्तराखण्ड में बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं का एक और उदाहरण सामने आया है। पिथौरागड़ जिले के नौ आयुर्वेदिक अस्पताल डॉक्टर विहीन हो गए हैं। आयुर्वेदिक एवं यूनानी सेवा निदेशालय के निदेशक प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने जमराड़ी आयुर्वेदिक अस्पताल में तैनात डा. मणि कुमार और सिंघाली में तैनात डा. प्रीति मिश्रा को उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय देहरादून से संबद्ध करने का आदेश दे दिया है। निदेशक की ओर से 30 जून को जारी आदेश में कहा गया है कि इन दोनों डॉक्टरों का वेतन पिथौरागढ़ जिले से ही निकाला जाएगा। इससे पहले सात आयुर्वेदिक डॉक्टरों को इसी तरह आयुर्वेद विश्वविद्यालय से संबद्ध कर दिया गया था।
इन अस्पतालों में खतेड़ा, गर्खा, डीडीहाट नगर, देवविसूना, भिनगड़ी, जजुराली और रामेश्वर शामिल हैं। इन डॉक्टरों का वेतन भी जिले से ही निकल रहा है। इस मामले में पहले कई बार क्षेत्र के लोगों ने आवाज उठाई और डॉक्टरों को वापस बुलाने की मांग की। विधानसभा चुनाव से पहले इन डॉक्टरों को मूल तैनाती वाले अस्पतालों में जाने का आदेश भी हुआ, लेकिन किसी ने भी यहां योगदान नहीं दिया। पहले से गए डॉक्टरों को वापस लाने के बजाय अब दो अन्य डॉक्टरों को भी संबद्ध करने का आदेश जारी हो गया है।