देहरादून: कोविड के दौरान हो रहीं मौतों पर भाजपा विधायक प्रदीप बत्रा ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठाया हैं। विधानसभा सत्र में बत्रा ने कहा कि रुड़की में लापरवाही और ऑक्सीजन की कमी की वजह से मरीजों की मौतें हुईं हैं।
सरकार ने दावा किया था कि कोविड काल में आक्सीजन की कमी से एक भी मरीज की मौत नही हुई थी| रुड़की के एक अस्पताल में कोविड काल में हुई मौतों के लिए सरकारी जांच रिपेार्ट को सवाल उठाते हुए बत्रा ने कहा कि मौत वास्तव में आक्सीजन की कमी और लापरवाही के कारण हुईं थी।
सरकार को पूर्व में की गई जांच की भी उच्च स्तरीय जांच करनी चाहिए। पार्टी विधायक के तेवरों से एक बार को सरकार असहज हो गई थी। इस बीच विस अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी के अगला प्रश्न आमंत्रित कर लेने से यह विषय रह गया। कांग्रेस के झबरेडा विधायक विरेंद्र कुमार जाति ने यह मामला उठाया था। उन्होंने सरकार से कोविड काल में आक्सीजन की कमी के कारण हुई मौतों की जानकारी मांगी।
बत्रा ने मंत्री से कहा कि क्या सरकार पूर्व में हुई जांच की उच्च स्तरीय जांच कराएगी? इस पर जाति ने भी सरकार से जवाब पूछा कि क्या सरकार इस मामले की जांच कराएगी? सरकार की और से जवाब दे चुके स्वास्थ्य मंत्री तब तक बैठ गए थे। विस अध्यक्ष ने दूसरा सवाल आमंत्रित कर लेने से इस विषय पर सरकार की ओर से जवाब नहीं आ पाया।
बत्रा ने कहा यह गंभीर विषय है। मैने सदन में सरकार से पूर्व में हुई जांच की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
बत्रा के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि राज्य में एक भी मौत आक्सीजन की कमी से नहीं हुई है। राज्य में आक्सीजन का पर्याप्त इंतजाम था। प्रत्येक अस्पताल में उसकी जरूरत के अनुसार आक्सीजन तत्काल पहुंचाई गई। राज्य के सभी जिलों के अस्पतालों में 86 पीएसए आक्सीजन प्लांट स्थापित किए गए।