माननीय मुख्यमंत्री जी,
सादर प्रणाम ,
सुना है आपकी उत्तराखंड राज्य सरकार (??) पलायन को जानने-समझने और रोकने के लिए आयोग का गठन कर रही है।
कुछ दिन पहले आपकी सरकार ने अखबारों में विज्ञापन देकर पलायन रोकने के लिए सुझाव मांगे थे। क्या कोई सुझाव मिला, अगर हाँ तो उसका क्या हुआ? क्या सिर्फ एक सुझाव मिला या उससे ज्यादा, क्या सरकार इस पर कोई वक्तब्य देगी ???
पलायन पर आयोग – कुछ भद्दा सा मजाक नहीं लग रहा है। ऐसा नहीं लग रहा है कि राज्य आंदोलनकारीयोँ-शहीदों और उन तमाम जनता जिसने राज्य निर्माण में जरा सी भी भूमिका निभाई थी – उसके मुँह पर ये एक तमाचा है? हम जैसे लोगों ने अपने जीवन के 4 -5 महत्वपूर्ण वर्ष जेल और थाने में पुलिस की लाठी और गालियों के बीच बिताये थे , क्या ये हमारे उस संघर्ष का अपमान नहीं है?
उत्तराखंड के सुदूर गांव से जब भी कोई 16 -17 साल का नौजवान दिल्ली मुंबई में चौकीदारी या बर्तन धोने जैसे छोटे- मोटे काम के लिए बस पकड़ता है तो उसे स्पष्ट होता है कि वो किस मज़बूरी के कारण पलायन कर रहा है। घर छोड़ने का दर्द , अपने गांव – माँ – बाप – भाई – बहन को छोड़कर एक अनजाने अंधे कुएं की तरफ जाने का दर्द उसके चेहरे पर साफ़ दिखता हैं।
हमारे ज्यादातर नेता, समाजसेवक पलायन के दर्द पर घंटो बोल सकते हैं क्योंकि इनमे से ज्यादातर इस दर्द को खुद भी झेल चुके हैं, फिर आयोग की क्या जरूरत हैं?
बीजेपी के पास आरएसएस जैसा मज़बूत जन संगठन है, जिसके कार्यकर्ता पत्थर को भी दूध पिला सकते है, जिनके पास संगठन शक्ति के साथ साथ समाज का अच्छा ज्ञान है। जिनकी शाखाये दूर दराज के पहाड़ी गांवो तक में फैली हुई हैं। जो लगातार पर्वतीय समाज की बेहतरी के लिए अपना जीवन होम कर रही हैं, क्या ये आयोग उनके कार्यों और ज्ञान की तौहीन नहीं है ???
माननीय मुख्यमंत्री जी , मैं आपके संगठन शक्ति और ज्ञान को व्यक्तिगत तौर पर जानता हूँ , और उसी के आधार पर कह सकता हूँ कि आयोग का गठन आपका फैसला नहीं है। ये अफसर आपसे पहले भुवन चंद खंडूरी जी, रमेश पोखरियाल जी , विजय बहुगुणा जी और हरीश रावत जी को वेवकूफ बना चुके हैं, और इन अफसरों पर उनका विश्वास ही इन महान नेताओं की बरबादी कारण बना है। इसलिए एक सुभचिंतक के नाते आपसे आग्रह कर रहा हूँ कि इस आयोग को गोली मारो और पलायन रोकने के लिए पर्वतीय क्षेत्र में शिक्षा- स्वास्थय- रोजगार , पानी- बिजली , सड़क के मुद्दों पर सीधा काम करो।
( मैं अक्सर मुख्यमंत्रियों को सलाह देता रहता हूँ, आपको भी दे रहा हूँ, मानोगे तो ठीक नहीं तो अपने से पूर्ववर्तियो का हश्र भी आप देख चुके हैं , हमारा क्या हम तो कल भी जनता थे और आगे भी रहेंगे)
सादर
आपका सुभचिन्तक
(प्रेम बहुखंडी )
9810881284