उत्तराखण्ड के जसपुर से नकली नोट छापने वाला गिरफ्तार, यूपी के बिजनौर जिले से जुड़े है तार

जसपुर। उत्तराखण्ड के जसपुर में नकली नोट छापे जाने की खबर से हर कोई हैरान है आम तौर पर नकली नोट पाँच सौ और दो हजार रुपये के ही पाए जाते है लेकिन जसपुर में सौ-सौ के नकली नोट तैयार करने की प्रक्रिया देखकर पुलिस भी दंग रह गई। आपको बता दे कि जसपुर में स्कैन हुए नोट का नंबर बदलकर नकली नोटों की खैप तैयार की जा रही थी इसके लिए लेपटॉप, स्केनर तथा फोटोशॉप की सहायता ली जाती थी। कोतवाल अबुल कलाम ने बताया जिस घर में नोट छापे जा रहे थे उस मकान मालिक तक को इस बारे में नहीं पता था। उन्होंने बताया कि मुख्य आरोपी शहजाद वर्ष 2013 में अपने सात अन्य साथियों के गिरोह के साथ नकली नोट, फर्जी दस्तावेज बनाने के मामल में जेल जा चुका है। वह इन दिनों जमानत पर बाहर आया हुआ था। उस वक्त भी उनके पास से साठ हजार रुपये के नकली नोट तथा नोट छापने के उपकरण बरामद हुए थे। रहमापुर में किराये का मकान लेकर लगभग ढाई माह से वहां रह कर नकली नोट तैयार करते थे। जो लाखों रुपये के नकली नोट अब तक बाजार में चला चुके हैं। धामपुर, नगीना, बिजनौर, ठाकुरद्वारा आदि उत्तर प्रदेश के कई स्थानों से दस-दस रुपये के स्टाम्प खरीद कर उस पर सौ-सौ रुपये के नकली नोट छापते थे। एक स्टाम्प पेपर पर सौ सौ रुपये के दो नोट आसानी से छप जाते हैं। जो हू ब हू असली दिखता था। असली तथा नकली नोट के कागज और स्याही में अंतर है। छोटा नोट होने की वजह से कोई भी इसे इतने गौर से नहीं देखता था। इसलिए यह आसानी से चल जाते थे। सौ रुपये के नकली नोट में दस रुपये की खरीदारी से 90 रुपये के असली नोट आसानी से प्राप्त होते थे। नकली नोट तैयार करने की सूचना पर गुप्तचर इकाइयां भी सतर्क हो गई हैं। इसके लिए वह आरोपियों के मोबाइल की डिटेल खंगाली जा रही है। कोतवाल अबुल कलाम ने बताया कि नकली नोट छापने का मुख्य आरोपी शहजाद वार्ड नंबर ग्यारह के सभासद मोहम्मद हसीन का पुत्र है। जो लकड़ी व्यापारी तथा अधिवक्ता भी है। उधर, एसएसपी डॉ. सदानंद दाते ने गिरोह को पकड़ने वाली टीम को ढाई हजार तथा एएसपी ने पंद्रह सौ रुपये इनाम की घोषणा की है।

Previous articleपीएनजी कॉलेज रामनगर में छात्रसंघ चुनाव सम्पन्न। एनएसयूआई और एबीवीपी के बीच कड़ा मुकाबला
Next articleशर्मनाक। शहीदों के शवो को पॉलिथीन और गत्ते की पेटी से लपेटा गया, फ़ोटो वायरल