मेरठ- 29 अप्रैल को मानवी की मा सीमा कौशिक ने गंगानगर स्थित मायके में फासी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सीमा पिछले चार साल से मायके में रह रही थी। मायके वालो ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोप लगाते हुए पति संजीव, सास, ससुर व देवर निवासी गांव कपसाड़ के खिलाफ गंगानगर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इससे पहले भी दहेज उत्पीड़न व कचहरी में जानलेवा हमला करने का मामला दर्ज कराया था। हत्या के लिए प्रेरित करने के आरोप में सीमा के पति संजीव को पुलिस जेल भेज चुकी है। ससुर रामभूल और देवर दीपक को पूछताछ के बाद छोड़ दिया। पुलिस का तर्क है कि आत्महत्या में उनकी संलिप्तता नहीं है। सीमा के पिता शांति स्वरूप कौशिक बार बार थाने पहुंचकर आरोपियों को जल्द ही पकड़ने की बात कर रहे हैं। शांति स्वरूप का कहना है कि गंगानगर पुलिस आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए उनसे खर्च मांग रही है। खर्च नहीं देने पर आरोपियों को गिरफ्तार करने से इन्कार कर दिया।
इसके बाद मंगलवार को सुबह शांति स्वरूप कौशिक अपने साथ सीमा की बेटी मानवी को लेकर आइजी ऑफिस पहुंच गए। मानवी ने आइजी रामकुमार वर्मा के सामने गुल्लक रख दिया और बोली-आइजी अंकल ये पैसे ले लीजिए, मेरी मम्मी के कातिलों को गिरफ्तार करा दीजिए। यह सुन आइजी भी हैरत में पड़ गए। उन्होंने एसएसपी जे रविंदर गौड को बुला लिया। बच्ची और उसके नाना को विस्तार से समझाया। उन्हें निष्पक्ष कार्रवाई का भरोसा दिया। एसएसपी जे रविंदर गौड ने कहा कि आरोपियों को खर्च लेकर पकड़ने का मामला संज्ञान में नहीं है। सीमा की आत्महत्या करने के मामले में पुलिस निष्पक्ष जांच कर आरोपियों को जेल भेजेगी।
क्या बोले आईजी
पांच साल की बच्ची खुद ही पूरे केस के बारे में बता रही थी। मानो उसे पहले से पढ़ा रखा हो। कप्तान को ऑफिस में बुलाने के बाद पूरे केस पर विचार विमर्श हो चुका है। निष्पक्ष कार्रवाई की जाएगी।
रामकुमार वर्मा, आइजी रेंज।