सुशील बहुगुणा- करोड़ों रुपए लागत से बना गढ़वाल का श्रीनगर मेडिकल कॉलेज सेना के हवाले होने जा रहा है. उत्तराखंड सरकार ने ख़ुद थलसेनाध्यक्ष से ये आग्रह किया है कि सेना इस मेडिकल कॉलेज को संभाल ले, इसे चलाना उसके बस की बात नहीं. सवाल ये है कि अगर एक मेडिकल कॉलेज ही आपसे नहीं चल पाया तो इतने बड़े और जटिल राज्य को चलाने की उम्मीद आपसे कैसे करें? सत्ता संभालते ही आपने कह दिया मेडिकल कॉलेज नहीं चल पा रहा. ये क्या बात हुई? क्या कोशिश की एक साल भी उसे सुधारने की?
उत्तराखंड सरकार की दलील है कि यहां पढ़ाने के लिए अच्छे डॉक्टर आना ही नहीं चाहते क्योंकि यहां अच्छी बुनियादी सुविधाएं नहीं हैं. अव्वल तो श्रीनगर, गढ़वाल में सुविधाएं हैं क्यों नहीं? और अगर श्रीनगर जैसे इलाके में ही सुविधाएं नहीं हैं तो फिर बाकी राज्य का हाल भगवान ही जाने.
हैरानी है, इतनी आसानी से एक मेडिकल कॉलेज सरकार हाथ से छोड़ रही है. जाने इसके बाद क्या-क्या छोड़े? सरकार की इच्छाशक्ति का अंदाज़ा होने लगा है.