मनरेगा का नाम बदलने पर भड़कीं ममता बनर्जी, बोलीं– ‘कर्मश्री’ योजना का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेंगे

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए गुरुवार को घोषणा की कि राज्य सरकार अपनी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना ‘कर्मश्री’ का नाम महात्मा गांधी के नाम पर रखेगी। ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा-नेतृत्व वाली सरकार ने मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का नाम हटाने का फैसला किया है, जो बेहद शर्मनाक है।

एक बिजनेस एंड इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर कुछ राजनीतिक दल देश के राष्ट्रीय प्रतीकों और महापुरुषों का सम्मान नहीं कर सकते, तो पश्चिम बंगाल सरकार यह जिम्मेदारी निभाएगी। उन्होंने बिना किसी पार्टी का नाम लिए कहा, “मुझे शर्म आती है कि नरेगा योजना से महात्मा गांधी का नाम हटाने का निर्णय लिया गया। अब हम राष्ट्रपिता को भी भूलते जा रहे हैं। अगर वे उन्हें सम्मान नहीं दे सकते, तो हम देंगे।”

केंद्र सरकार पर फंड रोकने का आरोप

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने दावा किया कि केंद्र सरकार द्वारा मनरेगा के तहत फंड रोके जाने के बावजूद राज्य सरकार अपने संसाधनों से ‘कर्मश्री’ योजना चला रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत फिलहाल लाभार्थियों को 75 दिनों तक काम दिया जा रहा है। साथ ही राज्य सरकार का लक्ष्य भविष्य में इसे बढ़ाकर 100 दिन करने का है।

ममता बनर्जी ने दो टूक कहा, “हम अपने संसाधनों से ‘कर्मश्री’ योजना चला रहे हैं। अगर केंद्र का फंड पूरी तरह बंद भी हो जाए, तो भी हम यह सुनिश्चित करेंगे कि लोगों को रोजगार मिले। हम भिखारी नहीं हैं।”

‘बंगाल भारत का गेटवे’

बिजनेस कॉन्क्लेव के दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की औद्योगिक और आर्थिक प्रगति पर भी विस्तार से बात की। उन्होंने कहा कि कुछ लोग बंगाल को बदनाम करने की कोशिश करते हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि राज्य अब पूरी तरह बदल चुका है और एक वर्ल्ड-क्लास डेस्टिनेशन बन गया है।

ममता बनर्जी ने कहा कि हाल ही में एमएसएमई सेक्टर के लिए एक बड़ी बैठक आयोजित की गई, जिसमें 15,000 से अधिक उद्योगपतियों ने हिस्सा लिया। उन्होंने बताया कि आज पश्चिम बंगाल भारत के सबसे बड़े लॉजिस्टिक्स हब में से एक है और वर्ल्ड बैंक लॉजिस्टिक्स व एक्सपोर्ट ग्रोथ के लिए राज्य के साथ साझेदारी कर रहा है।

दक्षिण-पूर्व एशिया का प्रवेश द्वार

मुख्यमंत्री ने कहा कि पश्चिम बंगाल दक्षिण-पूर्व एशिया, उत्तर-पूर्व भारत और पूर्वी भारत के लिए एक महत्वपूर्ण गेटवे है। खास तौर पर बांग्लादेश, भूटान और नेपाल के साथ व्यापारिक संपर्क में बंगाल की अहम भूमिका है। उन्होंने कहा कि यही वजह है कि अमेजन जैसी वैश्विक कंपनियां राज्य में निवेश के लिए आकर्षित हो रही हैं।

ममता बनर्जी ने अंत में कहा कि बंगाल सिर्फ अपने लिए ही नहीं, बल्कि बिहार, झारखंड, ओडिशा और अन्य राज्यों के लिए भी आर्थिक और लॉजिस्टिक्स गेटवे के रूप में काम कर रहा है।

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