कोटद्वार नगर में अब भी सड़को पर कीचड़ और मलबा, पालिकाध्यक्ष से जनता आक्रोशित। नगर का हाल देखने नही पहुची पालिकाध्यक्ष

अवनीश अग्निहोत्री(कोटद्वार)

कोटद्वार नगर में नदी-नालों पर अवैध अतिक्रमण पर कार्यवाही न किये जाने के कारण दो दिन पूर्व हुई भयंकर बारिश के पानी की निकासी नही हो पाई। जिसके चलते पानी सड़को से लेकर घरो और दुकानो तक पहुच गया। जिस कारण अब तक 7 लोगो की जान गई है और करोड़ों का नुकसान भी हुआ है। जिसके बाद सड़को पर कीचड़ और मलबा हो गया है। जिसे अब तक नगर पालिका द्वारा नही हटाया गया है।

वही गोखले मार्ग पर व्यापारियों ने स्वयं अपने खर्चे पर ट्रेक्टर ट्राली और मजदूर बुलाकर सड़को से मलबा हटाया है। व्यापारियों के अनुसार नगर पालिका ने इतनी बड़ी आपदा के बाद नगर की सुध नही ली। मुख्यमंत्री, वन मंत्री व प्रसाशन द्वारा नगर का मुआयना कर पीड़ितो से मुलाकात की गई और सहायता प्रदान की गई। इतना ही नही आपदा की सूचना मिलते ही वन मंत्री हरक सिंह रावत तत्काल रामनगर से कोटद्वार के लिए निकल चुके थे पर यहा आते वक्त वो एक बरसाती नाले में फस गए थे, जिन्हें पैदल निर्माणाधीन पुल से निकाला गया और उनकी गाड़ी को क्रेन से निकाला गया जिसके बाद वन मंत्री हरक सिंह रावत को उस रात वही एक रिजॉर्ट में ही रुकना पड़ा था और इस तरह वन मंत्री अपनी जान जोखिम में डालते हुए अगले दिन पीड़ितो का हाल जानने कोटद्वार पहुचे।

पर नगर पालिकाध्यक्ष रश्मि राणा अब तक नगर का हाल जानने नही पहुची। साथ ही बताया कि ये मलबा कई तरह की बीमारियों का कारण बन सकता है। क्योकि आपदा में मरे कई तरह कर जानवरो, व गंदगी के कारण इससे बीमारियां फैल सकती है और यदि ऐसा होता है तो इसके लिए पूरी तरह कोटद्वार नगर पालिका जिम्मेदार होगी। एक तरफ आपदा पीड़ितो को शहर की कई संस्थाएं, विद्यालय, समाजसेवक हर तरह से मदद कर रहे है यहां तक कि दो सौ मजदूरी कमाने वाला भी सोच रहा है कि कैसे इस बुरे वक्त में पीड़ितो की मदद करू वही नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा नगर में राहत कार्य न कराया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।

वही व्यापारी राजीव गोयल के अनुसार नगर पालिकाध्यक्ष स्वयं भाजपा की होकर भी उन्हें जब अपनी सरकार के मुख्यमंत्री व वन मंत्री का भय नही है कि ये दोनों इतनी दूर से छेत्र का हाल जानने पहुचे है तो वो भी अपनी जिम्मेदारी को समझे। और जिम्मेदारी न उठा पाने की स्तिथि में पालिकाध्यक्ष को इस्तीफा दे देना चाहिए। साथ ही बताया कि उन्होंने नगर में नदी-नालों से अतिक्रमण हटाने को लेकर चार माह पूर्व नगर पालिका में लिखित शिकायत की थी पर नगर पालिका ने कोई कार्यवाही नही की जिसके कारण आज ये स्तिथी हुई है। वही जिला पंचायत उपाध्यक्ष सुमन कोटनाला प्रसाशन की टीम को साथ लेकर सभी ग्रामीण छेत्रो में राहत कार्य कराने में जुटे है।

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