अवनीश अग्निहोत्री(कोटद्वार)
गढ़वाल का प्रवेश द्वार कोटद्वार यूपी-उत्तराखण्ड बॉर्डर पर होने के कारण यहां से रोज हजारो यात्री छोटे-बड़े वाहनों से सफर करते है। लेकिन नगर पालिका की लापरवाही के चलते सड़को पर अवैध रूप से हुए पक्के निर्माण और फड़-रेहड़ी लगाने वालो के द्वारा किया गया अतिक्रमण आम जनता के लिए सिर दर्द बना रहता है।क्योकि इसके कारण दिन भर शहर में ट्रैफिक जाम की स्तिथी बनी रहती है। हालांकि पुलिस व प्रसाशन द्वारा इसके लिए समय-समय पर अभियान चलाकर अतिक्रमण हटवाया तो जाता है लेकिन इस बात को भी नकारा नही जा सकता कि इस अभियान में भेद-भाव कर ज्यादातर दोषियों पर कार्यवाही नही होती। कही अतिक्रमणकारियों पर पुलिस मेहरबान दिखती है तो कही नगर पालिका ने अतिक्रमणकारियों को पाल रक्खा है।
यही कारण है कि आजतक चले अभियान फेल ही हुए है। स्तिथी ये है कि रास्ट्रीय राजमार्ग पर नजीबाबाद रोड चौराहे पर ही खुलेआम नजीबाबाद-कोटद्वार जीप स्टैंड बना हुआ है जहा एक साथ 7-8 जीप दिन रात खड़ी रहती है। और ये सब वहां स्तिथ पुलिसकर्मियों के सामने होता है। इस संबंध में कई बार शिकायत भी की जा चुकी है की इस स्थान पर 2 इंटर कॉलेज व एक प्राथमिक विद्यालय होने के कारण कई बार छात्र व अन्य कई लोग जख्मी हो चुके है। लेकिन हर अधिकारी इस बात को अनदेखा करता है क्योंकि घायल होने वाला आजतक उनका कोई अपना नही था। वही दूसरी तरफ पटेल मार्ग पर पूरी सड़क पर पुलिंडा व यमकेश्वर जाने वाले वाहनों का स्टैंड है जिस कारण वहां भी हमेशा जाम की स्तिथी रहती है। इतना ही नही स्टेशन रोड पर जिला परिषद मार्किट के सामने से परिवहन निगम कार्यशाला तक निगम की बसे दिन रात खड़ी रहती है जबकि जिन बसों का संचालन होना होता है वो अपने स्टैंड पर यानी कि निगम के गेट पर 10 मिंट पहले ही लगती है, बाकी बसें बिना वजह खड़ी रहती है जो जाम लगने का कारण बनती है यही से दो कदम आगे बढ़े तो पेट्रोल पंप पर ही हरिद्वार-देहरादून का टैक्सी स्टैंड बना दिया गया जबकि इस रूट की बाकी टैक्सी इंटर कॉलेज के सामने गाड़ीपडाव से भी जाती है।
क्यो नही दर्शाया जाता नो पार्किंग जोन

कोटद्वार में पुलिस द्वारा अव्यवस्तिथ ढंग से खड़ी गाड़ियों का चालान किया जाता है जो कि ट्रैफिक से निजात दिलाने के लिए जरूरी भी है और नियम तो है ही। लेकिन कई बार नो एंट्री का चालान गाड़ी मालिक को पुलिस का मनमाना रवैय्या लगता है क्योंकि पुलिस द्वारा कही भी ये नही दर्शाया गया है कि नो पार्किंग जोन कहा-कहा पर है। दरअसल निषिध माहेश्वरी नाम के एक व्यापारी ने हमे बताया कि उनकी कार अपने घर के ही किनारे सफेद पट्टी के अंदर बद्रीनाथ मार्ग पर खड़ी थी जिसके बाद पुलिस ने आकर नो पार्किंग का चालान कर दिया और ऐसा पहले भी कई दफा हो चुका है। निषिध के अनुसार अपने ही घर के आगे सड़क किनारे सफेद पट्टी के अंदर खड़ी गाड़ी का चालान हो जाता है जबकि नगर में ज्यादातर स्थानों पर सड़को पर ही जीप-टैक्सी स्टैंड है पर पुलिस उन पर कार्यवाही नही करती
अब हम आपको ये भी बता दें कि क्या कारण ये है कि नो पार्किंग दर्शायी नही जाती? अगर नो पार्किंग का बोर्ड रास्ट्रीय राजमार्ग पर लगाते है तो नजीबाबाद-कोटद्वार जीप स्टैंड की एक भी गाड़ी वहां नही खड़ी हो सकती। यही हाल पटेल मार्ग पर है अगर वहाँ नो पार्किंग का बोर्ड लगता है तो यमकेश्वर और पुलिंडा जाने वाली गाड़ियों के भी चालान करने होंगे जो कि पुलिस कभी नही चाहती और इसके पीछे वजह क्या है ये बताने की जरूरत नही यू तो कोई किसी पर मेहरबान होता नही। लेकिन हैरानी की बात है कि खुलेआम ये सब होता देख भी प्रसाशन के कानों में जूं तक नही रेंगती।