पौड़ी जिले में अब भी खुले में शौच कर रहे ग्रामीण, सरकार के दावे फेल। संगलाकोटी में युवाओ ने खुद संभाला सफाई का मोर्चा

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा चलाये गए स्वच्छ भारत अभियान के तहत खुले में शौच से मुक्त उत्तराखण्ड की घोषणा करने वाले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत इस योजना को सफल बताते हुए लीपा पोती कर जनता और केंद्र के आगे पेश कर वाह वाही लूट रहे है। पर धरातल पर सच्चाई कुछ और ही देखने को मिल रही है। आज भी पहाड़ के ज्यादातर छेत्र खुले में शौच से मुक्त नही हो पाए है इसका जीता जागता उदाहरण देश के दिग्गजों के ग्रह जनपद पौड़ी में देखने को मिल रहा है पौड़ी वही जिला है जहाँ खुद मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत, यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एनएसए अजीत डोभाल व भाजपा के ही कई पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान काबीना मंत्रियों का गांव है।

इसके बाद भी यहां की स्तिथी में कोई सुधार देखने को नही मिल रहा। हालही में सीएम त्रिवेंद्र रावत द्वारा उत्तराखण्ड को खुले में शौच से मुक्त राज्य होने की घोषणा की गयी। पर सच्चाई तो ये है कि खुद पौड़ी जिले में अब तक 40 से 50 प्रतिशत गांव खुले में शौच से मुक्त हुए ही नही है। शर्म की बात है कि आज भी वहां की बहन, बेटियों को शौच के लिए खुले में जाना पड़ता है। हालात ये है कि अधिकारी अपने दफ्तरों में बैठे बैठे ही रिपोर्ट बनाकर आगे भेज देते है और खुद इन गाँव मे जाकर स्तिथी देखना अपनी शान के खिलाफ समझते है। हालही में वन मंत्री हरक सिंह रावत की विधानसभा कोटद्वार से ही एक मामला सामने आया था जहाँ घर मे शौचालय न होने के कारण एक नव विवाहिता अपने मायके चली गयी थी ये घटना कोटद्वार नगर से कुछ ही कदम की दूरी पर स्तिथ एक गाँव की थी इतना ही नही खुद कोटद्वार नगर पालिका छेत्र से कई शौचालय ही गायब कर दिए गए। जब पौड़ी जिले में शहरों की ये स्तिथी है तो गाँव कहा से खुले में शौच मुक्त हो पाएंगे।

लेकिन इसी पौड़ी जिले के एकेश्वर ब्लॉक में एक ऐसा गाँव भी है जहाँ कुछ युवा मिलकर खुद ही साफ सफाई का मोर्चा संभाल रहे है। जी हां संगलाकोटी गाँव के कुछ युवा पिछले कई वर्षों से आस पास के छेत्र में साफ सफाई को लेकर कार्य कर रहे है। बिना किसी सरकारी सहायता के प्रचार प्रसार के माध्यम से इन्होंने संगलाकोटी व आस पास के छेत्र को साफ सुधरा करके ही दम लिया।

लगभग 120 दुकानों और 200 से ज्यादा परिवार वाले संगलाकोटी बाजार में नक्षत्र सेवा समिती द्वारा किये जा रहे इस कार्य मे यात्रियों के लिए शौचालय निर्माण भी कराया गया है। इसके साथ ही हर घर और दुकान के आगे आज कूड़ादान रक्खा जा चुका है व सुबह और शाम के समय सभी लोग 2 घंटे साफ सफाई के लिए निकालते है।

कई लोग आज इस गाँव मे सिर्फ इनके सफाई अभियान को ही देखने आते है। समिती के सचिव भास्कर द्विवेदी द्वारा चलाई गई इस मुहीम में कई ग्रामीण जुड़ चुके है। इस संबंध में भास्कर ने हमे जानकारी दी कि अब भी आस पास के लगभग 50 प्रतिशत गाँव खुले में शौच से मुक्त नही हुए है इन फर्जी आकड़ो को बनाने वाले कर्मचारियों का खुलासा वो जल्द ही करने वाले है भाष्कर के अनुसार संगलाकोटी में 5 परिवारो के दर्जन भर से भी ज्यादा लोग अब भी खुले में शौच जा रहे है और पास ही के गाँव काण्डई मे 8 परिवार के 20 से भी ज्यादा लोग खुले में शौच करने को मजबूर है इसी तरह कई और गाँव भी है जिनकी पूरी जानकारी बहोत जल्द वो सार्वजनिक कर सरकार को उनके विकास कार्यो का आईना दिखाने वाले है।

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