केदारनाथ। केदारनाथ में आई दैवीय आपदा के बाद देश के सैकडों श्रद्धालु हमेशा के लिए मौत की नींद सो गये थे और उनके परिवार में आज भी इस बात की उम्मीद बनी हुई है कि शायद उनके अपने कभी लौट कर आ जायेंगे। सरकारें दावा करती रही कि केदारनाथ में शवों व कंकालों को खोजने का मिशन पूरा हो चुका है लेकिन आज एक बार फिर जिस तरह से केदारनाथ आपदा में गायब हुए एक इंसान का नर कंकाल मिला है उससे केदारनाथ आपदा के जख्म फिर हरे हो गये हैं और इस कंकाल को एक बार फिर डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। सवाल खडे हो रहे हैं कि जो भाजपा कांग्रेस के सामने गुर्राती रहती थी कि केदारानाथ में आज भी सैकडों नर कंकाल पडे हुए हैं तो अब राज्य में भाजपा की सरकार आने के बाद क्यों नहीं केदार घाटी में एक बार फिर नर कंकालों को खोजने का सर्च ऑपरेशन चलाया गया जिससे कि नर कंकालों को खोजकर हिंदू रीति रिवाज के तहत उनका अन्तिम संस्कार तो किया जा सके। केदारनाथ आपदा के बाद अभी तक 650 से अधिक शव मिल चुके हैं। जबकि हजारों की संख्या में अभी लापता हैं।
केदारनाथ आपदा को हुए हालांकि चार साल का वक्त गुजरने को है। लेकिन इसके जख्म अभी भरे नहीं है। अभी हाल ही में एसडीआरएफ को सर्च ऑपरेशन के दौरान केदारघाटी से सात नर कंकाल मिले थे। कालीमठ से जाल-चौमासी-खाम-रामाबाड़ा, चोराबाडी ताल से बेस कैंप और संपूर्ण केदारपुरी, केदारनाथ से सोनप्रयाग तक मुख्य मार्ग पर स्थित नए और पुराने स्थल, त्रियुगीनारायण-केदारनाथ और केदारनाथ से वासुकीताल तक नर कंकालों की खोज की गई थी। केदारनाथ में बाहरी क्षेत्र में तो नर कंकालों की खोज की गई है, लेकिन केदारपुरी में दबे कंकालों के लिए सरकार कोई फैसला नहीं ले पाई है। लोगों का मानना है कि केदारपुरी में आज भी सैकड़ों की संख्या में नर कंकाल जमीन के अंदर दफन हैं। एक बार फिर केदारपुरी में नर कंकाल मिले हैं। नालियों की सफाई के दौरान स्थानीय लोगों को यह कंकाल मिले। उन्होंने इसकी सूचना पुलिस को दे दी है। स्थानीय निवासी देवेश बाजपेयी, राहुल सेमवाल, ऋषि अवस्थी, राज बगवाड़ी का कहना है कि सरकार को एक बार पूरी केदारपुरी की सफाई करनी चाहिए। अभी भी कई कंकाल मलबे में दबे हैं, जो समय-समय पर सफाई के दौरान दिखाई दे रहे हैं। इससे वहाँ राह रहे लोगों में भय का माहौल बन रहा है।
साभार: क्राइम स्टोरी