जौनपुर में दिल दहला देने वाला डबल मर्डर: बेटे ने ब्लेड वाली आरी से माता-पिता के किए टुकड़े, घर में छूट गया मां का कटा पैर

जौनपुर।
उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले से सामने आई एक खौफनाक हत्या की वारदात ने पूरे इलाके को झकझोर कर रख दिया है। जफराबाद थाना क्षेत्र के अहमदपुर गांव में इकलौते बेटे ने अपने ही माता-पिता की बेरहमी से हत्या कर दी। पुलिस द्वारा कराए गए रिक्रिएशन में आरोपी बेटे ने जिस तरह वारदात की पूरी कहानी बताई, वह रूह कंपा देने वाली है।

यह सनसनीखेज घटना आठ दिसंबर की है। रेलवे से लोको पायलट पद से सेवानिवृत्त श्यामलाल (62) और उनकी पत्नी बबिता देवी (60) की निर्ममता से हत्या कर दी गई थी। इस दोहरे हत्याकांड में पुलिस ने मृतकों के इकलौते बेटे अम्बेश कुमार उर्फ रिंकू को गिरफ्तार किया। बुधवार को उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया।

ब्लेड वाली आरी और खलबट्टे से दिया वारदात को अंजाम

पुलिस के अनुसार आरोपी ने करीब एक फीट एक इंच लंबे लोहे के खलबट्टे और एक फीट सात इंच की ब्लेड वाली आरी का इस्तेमाल कर इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। अम्बेश ने अपने माता-पिता के शवों को तीन-तीन हिस्सों में काट दिया था।

आरोपी ने कबूला जुर्म

एएसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि पूछताछ के दौरान अभियुक्त अम्बेश कुमार ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। लगभग 25 मिनट के रिक्रिएशन में उसने हत्या से लेकर शव ठिकाने लगाने तक की पूरी वारदात विस्तार से बताई। एसपी कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि पहले आरोपी ने अपने माता-पिता के सिर पर खलबट्टे से वार किया, जिसके बाद वह घबरा गया।

सांसें थमते ही शव ठिकाने लगाने की साजिश

आरोपी ने पुलिस को बताया कि वार के बाद जब माता-पिता की सांसें बंद हो गईं तो वह घबरा गया और शव छिपाने के तरीके सोचने लगा। इसके बाद वह घर के बेसमेंट से लोहे की सरिया काटने वाली आरी लाया और दोनों शवों को तीन-तीन टुकड़ों में काट दिया। शवों के छह टुकड़ों को अलग-अलग प्लास्टिक के बोरों में भरा गया। शरीर काटते समय निकले अवशेषों को एक अन्य बोरी में रखकर अपनी कार की डिग्गी में रखा गया।

वारदात के बाद घर के फर्श पर फैले खून को पानी से साफ किया गया। इसके बाद भोर में करीब चार से पांच बजे के बीच आरोपी शवों से भरे बोरे बेलाव पुल ले गया और गोमती नदी में फेंक दिए।

रुपये और पारिवारिक विवाद बना हत्या की वजह

पुलिस के मुताबिक आठ दिसंबर की शाम करीब सात से आठ बजे के बीच अम्बेश कुमार और उसकी मां बबिता देवी के बीच रुपये और पारिवारिक मुद्दों को लेकर कहासुनी हुई थी। मां ने बेटे से घर छोड़कर जाने को कहा, जिस पर अम्बेश ने दावा किया कि यह घर उसे नानी ने नेवासा में दिया है और माता-पिता को ही घर छोड़ देना चाहिए।

इसी बात पर विवाद बढ़ गया। जब मां ने उसे धक्का देकर घर से बाहर करने की कोशिश की तो वह गुस्से से बेकाबू हो गया। पास ही टेबल पर रखे लोहे के सीलबट्टे के रॉड से उसने मां के सिर पर जोरदार वार कर दिया।

घर में रह गया मां का कटा पैर

पुलिस ने बताया कि गोमती नदी में शव फेंकने के बाद अम्बेश वापस घर आया। उसने घर के फर्श और कार की डिग्गी को सर्फ से अच्छी तरह साफ किया। इसी दौरान उसकी नजर पड़ी कि मां का कटा हुआ एक पैर घर में ही छूट गया है। इसके बाद वह उसी दिन उस पैर को एक झोले में रखकर कार से जलालपुर सई नदी के पुल पर गया और वहां से उसे नदी में फेंक दिया।

इस दिल दहला देने वाली वारदात के खुलासे के बाद पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है। पुलिस मामले की हर कड़ी की गहन जांच कर रही है।

Previous articleVIDEO: संसद में हल्का-फुल्का पल, ‘एक भी मिला क्या?’—घुसपैठियों पर कल्याण बनर्जी के सवाल पर नितिन गडकरी मुस्कुराए, सांसदों की छूटी हंसी
Next articleSchool Closed: बच्चों की मासूम अपील पर डीएम का फैसला, कानपुर में 19–20 दिसंबर तक सभी स्कूल रहेंगे बंद