देहरादून: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की मिशन निदेशक सोनिका ने उत्तराखंड में मातृ मृत्यु एवं शिशु मृत्यु दर को कम करने को लेकर मातृ एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत समीक्षा बैठक की। मिशन निदेशक ने गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित मातृत्व को लेकर कई अहंम निर्देश दिएI वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित कर उनकी देखभाल किये जाने पर विशेष ध्यान देने को कहाI
बैठक के दौरान राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने राज्य के चार जनपद देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल, एवं उधम सिंह नगर को चिन्हित किया जो कि प्रदेश की कुल आबादी का 61 प्रतिशत है, मिशन के अनुसार इन जनपदों में प्रत्येक वर्ष राज्यभर के कुल प्रसवों में से 69 प्रतिशत प्रसव होते हैं।
मिशन निदेशक एनएचएम सोनिका ने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिलाओं को चिन्हित किये जाने के साथ उनकी देखभाल किये जाने को लेकर प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के अन्तर्गत नवीन वित्तीय प्रावधानों को लागू किये जाने के निर्देश दिए।
उन्होंने संस्थागत प्रसवों में बढोतरी किये जाने हेतु संचालित प्रसव केन्द्रों में मानव संसाधन की तैनाती व उनके प्रशिक्षण गुणवत्ता पूर्व सेवाएं प्रदान किये जाने पर विषेश ध्यान देने के निर्देशित दिएI
समीक्षा बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की निदेशक डॉ सरोज नैथानी ने कहा कि मातृ एवं बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के लागू होने से उक्त चार जनपदों में पायी गयी कमीयों को दूर किये जाने हेतु योजना सम्पूर्ण टीम के साथ गहन अध्ययन करते हुए बनायी गयी है।
बैठक में कार्यक्रम अधिकारी डॉ अमित शुक्ला, डॉ सुजाता सिंह, डॉ अजय, डॉ नितिन अरोड़ा, डॉ नमिशा, डॉ दामिनी, देवेंद्र, डॉ गौरव गैरोला, पूनम जखमोला, दीपक पंवार, हेमा समेत चारों जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, एनएचएम की जिला यूनिट एवं राज्य स्तर से मातृ स्वास्थ्य, बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के कर्मचारी आदि मौजूद रहे।