धर्मवीर गुसाईं/ अवनीश अग्निहोत्री(कोटद्वार) होली नजदीक आते ही फिर शुरू हुआ मिठाइयों की सेम्पलिंग का ड्रामा, साल भर में सिर्फ त्योहारों पर आती है खाद्य सुरक्षा विभाग को याद। दिवाली के बाद अब होली का त्योहार नजदीक आते ही आखिर खाद्य विभाग को सैंपलिंग की याद आ ही गयी। जिसके चलते मंगलवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने कोटद्वार की मिठाईयों की दुकानों में सैंपल भरे। जिसमें खासा ध्यान होली में बिकने वाली गुजिया और मावे पर रहा। होली के त्यौहार को मद्देनजर रखते हुए खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने नगर के तमाम मिष्ठान विक्रेताओं के यहां छापेमारी कर सैपलिंग की। इस दौरान टीम का खासा ध्यान होली के त्यौहार में बिकने वाली गुजिया और मावे पर रहा। इस मौके पर टीम ने दुकानदारों को हिदायत दी कि ग्राहकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। साथ ही नकली मावा का इस्तेमाल करने वाले दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी गई। शहर में बिकने वाली खाद्य सामाग्री के सैपलिंग की याद आखिर विभाग को त्यौहारों के दौरान ही क्यों आती है। यदि विभाग आम जनता के स्वास्थ्य के प्रति इतना ही चिंतित है तो सैपलिंग को माह में कम से कम एक बार अवश्य करना चाहिए, लेकिन अमूमन यह नहीं हो पाता। विभागीय लापवाही का नतीजा ही है कि दुकादार अधिक मुनाफा कमाने के लिए घटिया खाद्य सामाग्री खरीदकर उसकों बेचते है। त्यौहारों के दौरान तो एक्सपाइरी डेट की खाद्य सामाग्री की बिक्री करने से तक नहीं चूकते। इसके अलावा त्यौहारों के दौरान नकली मावे का इस्तेमाल तो आम बात सी हो गई है। यह नकली मावा व्यापारियों के द्वारा नजीबाबाद व मेरठ से मंगाया जाता है। और यह जहर घर-घर तक पहुंचाया जाता है। दुकानदारों के हौंसले इस कदर बुलंद है कि उनके किसी विभागीय अधिकारी का भय तक नहीं। इसका मुख्य कारण विभाग द्वारा नगर में समय-समय पर सैंपलिंग न होना है। त्यौहारी सीजन में जो सैंपल भरे जाते हैं उनकी रिर्पोट भी न आने के कारण यह काला कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है।
क्या कहते हैं खाद्य सुरक्षा अधिकारी
नगर में मिठाई की दुकानों में मिठाई के साथ ही विशेषकर मावे की सैंपलिंग की जा रही है। साथ ही दुकानदारों को हिदायत भी दी जा रही है। सैंपलों को जांच के लिए भेजा जा रहा है, जांच रिर्पोट के आधार पर ही आगे की कार्यवाही की जाएगी।
अनिल मिश्रा खाद्य सुरक्षा अधिकारी-कोटद्वार