रुद्रपुर: थाना ट्रांजिट कैंप क्षेत्र गोदाम से लाखों के एल्यूमीनियम का सामान चोरी करने में 10 चोरों को गिरफ्तार करने के बाद प्रकाश में आए फरार पिता और पुत्र की तहरीर को बैक डेट पर रिसीव करने में मदद करने में हेड कांस्टेबल को एसएसपी ने निलंबित कर दिया है।
पुलिस के मुताबिक वैशाली कालोनी निवासी सचिन कुमार की शिव शक्ति धर्मकांटा नई बस्ती फुलसुंगा स्थित गोदाम से चोरों ने लाखों का एल्यूमीनियम चोरी कर लिया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी थी। साथ ही पुलिस ने चोरी में शामिल राजेश दास उर्फ झूलन, दिनेश देवल उर्फ गांजा, विजय चक्रवर्ती उर्फ पंडित, अमन शर्मा, रोहित मिरधा उर्फ पगला, विक्की उर्फ तारा, बंकिम विश्वास, संदीप प्रसाद उर्फ पडडे और कबाड़ी का काम करने वाले अफजाल कुरैशी और जाकिर हुसैन उर्फ छुट्टन को भी गिरफ्तार कर उनसे चोरी का एल्यूमीनियम बरामद कर लिया था।
इस दौरान चोरी में मोहम्मद निजामुउद्दीन व उसके बेटे आदिल का नाम भी सामने आया था। जिसके बाद ट्रांजिट कैंप पुलिस ने दोनों की तलाश में कई संदिग्ध ठिकानों पर दबिश भी दी, लेकिन वह नहीं मिले। पुलिस सूत्रों के मुताबिक जब ट्रांजिट कैंप पुलिस दोनों की तलाश कर रही थी, तब उन्होंने पेशबंदी के लिए रुद्रपुर कोतवाली में एक तहरीर भी दी। जिसे रुद्रपुर कोतवाली पुलिस रिसीव भी कर लिया।
जिसमें दोनों पिता पुत्र की मदद करने वाला एडीटीएफ में तैनात हेड कांस्टेबल आसिफ हुसैन था। तब मामला चर्चाओं में आने के बाद एसएसपी डा.मंजूनाथ टीसी ने जांच के आदेश दे दिए थे। जांच में हेड कांस्टेबल पर लगे आरोप की पुष्टि होने के बाद एसएसपी डा.मंजूनाथ टीसी ने आसिफ को निलंबित कर दिया है।
एसएसपी डा.मंजूनाथ टीसी ने बताया कि हेड कांस्टेबल ने अपने पद का दुरुप्रयोग कर एक व्यक्ति को गिरफ्तारी से बचाने के उद्देश्य से चोरी के एक मामले में उसके प्रार्थना पत्र पर बैक डेट में रिसीव कर फर्जी हस्ताक्षर किए। साथ ही अनाधिकृत रूप से थाना रूद्रपुर की मोहर का दुरूप्रयोग किया। उन्होंने बताया कि अपने कर्तव्य के प्रति घोर लापरवाही, स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता पर मुख्य आरक्षी आसिफ हुसैन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
इधर पुलिस सूत्रों की मानें तो विपिन शर्मा उर्फ विट्टू ने आसिफ के खिलाफ कार्रवाई को पुलिस के अधिकारियों को कई प्रार्थना पत्र दिए थे। विट्टू शर्मा का कहना था कि पुलिस के अधिकारी आसिफ हुसैन पर कार्रवाई करने से बचते रहे। उनका कहना था कि पुलिस के अधिकारी सही जांच करें तो आसिफ के खिलाफ बहुत पहले कार्रवाई हो जाती।