विधानसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की हार के साथ ही उनके राजनीतिक भविष्य को लेकर अटकलों का दौर भी शुरू हो गया। इसी के साथ उन्हें कई आलोचनाएं झेलनी पड़ रही हैं।दो दिन शांत बैठने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत एक बार फिर तेवरों के साथ सामने आए हैं। चुनाव में मिली हार के बाद तमाम प्लेटफॉर्म पर उनको लेकर हो रही आलोचनाओं का उन्होंने करारा, लेकिन सधी हुई भाषा में जवाब दिया है। अपने फेसबुक पेज पर हरीश ने लिखा है कि पराजय के बाद पराजित सेनापति को हमेशा आलोचनाएं सुननी पड़ती हैं।हरीश ने ऐसे लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि वह एक पराजित योद्धा पर चोट पर चोट कर रहे हैं। इसके लिए भाजपा की ओर से गढ़े हुए झूठ का सहारा लिया जा रहा है हरीश ने कहा कि
उनसे कभी किसी मुसलमान भाई ने मुस्लिम यूनिवर्सिटी या मुस्लिम कॉलेज खोलने की मांग नहीं की है। मगर यह भी झूठा प्रचार किया गया और लोगों के मन में जहर घोला गया है। उन्होंने कहा कि झूठ हमेशा कायरों का सहारा होता है।वह उतना ही गर्व इस बात पर भी करते हैं कि वह सभी धर्मों, सभी धर्म स्थलों और आस्था स्थलों के प्रति आदर व सम्मान का भाव रखते हैं।