देहरादून। सीएम त्रिवेंद्र रावत के आदेश के बाद राजधानी में आज जनता की समस्याओं के समाधान में जुटे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के पास जब के फरियादी एक कंपनी की शिकायत लेकर पहुचा और पूरा मामला जानने के लिए जब रावत ने कम्पनी के मैनेजर को फोन लगाया और बात करनी चाही तो कंपनी के मैनेजर ने मंत्री हरक सिंह रावत से बात करना तो दूर, उन्हें ये कहकर फोन काट दिया कि तू होता कौन है मुझसे सवाल करने वाला?
दरअसल सेलाकुई निवासी वासुदेव जखमोला बतौर एक फरियादी बनकर मंगलवार को भाजपा कार्यालय पहुचे, उन्होंने केबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को अपनी दास्तां सुनाई और बताया कि कंपनी में वह बीते कई सालों से काम कर रहे थे, उस कंपनी के मैनेजर ने उन्हें बिना वजह बताए नौकरी से निकाल दिया और वजह पूछने पर ना तो कोई जवाब ही दिया और बकाया पैसा तक नही दिया।
जिसके बाद सेलाकुई निवासी की शिकायत पर कैबिनेट मंत्री ने कंपनी के मैनेजर को फोन लगाया। पहले तो मैनेजर ने फोन नहीं उठाया, बार-बार मंत्री के फोन लगाने पर दूसरी ओर से फोन रिसीव किया गया। मंत्री हरक सिंह ने जब पीड़ित सेलाकुई निवासी के संबंध में मैनेजर से सवाल किया तो उसने बदतमीजी से जवाब देते हुए कहा कि तु होता कौन है मुझसे पूछने वाला?
मैनेजर की बदतमीजी भरे जवाब को सुनने के बाद मंत्री हरक सिंह ने तत्काल श्रमायुक्त और प्रदूषण बोर्ड को कंपनी की जांच के आदेश दे दिए। उन्होंने श्रम और प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारियों को जांच के आदेश देने साथ ही रिपोर्ट आने तक फ़ैक्ट्री को बंद करने के आदेश भी दिए हैं।