कोटद्वार। स्थानीय राजकीय संयुक्त चिकित्सालय से एक साथ तीन डॉक्टरों के स्थानांतरण के आदेश हुए हैं। एक साथ 3 डॉक्टरों का स्थानांतरण होने से
अस्पताल की सेवाएं प्रभावित होना तय है।
संयुक्त अस्पताल पर नगर सहित पहाड़ के दर्जनों गांवों के लोग स्वास्थ्य सेवाओं के लिए निर्भर रहते हैं। यहां पर रोगियों को सुलभ तरीके से इलाज मिलने के कारण
बिजनौर सीमा से सटे गांवों के लोग भी इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन शासन द्वारा तीन
डॉक्टरों के यहां से स्थानांतरण के आदेश जारी कर दिए गए हैं। इसमें पैथोलॉजिस्ट, फिजीशियन व सर्जन शामिल हैं।
बतातें चलें कि चिकित्सालय परिसर में जहां पैथोलॉजी लैब में प्रतिदिन सैकड़ों मरीजों का परीक्षण होता है, वहीं ब्लड बैंक से भी प्रतिदिन कई यूनिट ब्लड जरुरतमंदों तक पहुंचता है।
पैथोलॉजी लैब व ब्लड बैंक के लिए दो पैथोलॉजिस्ट के पद चिकित्सालय में सृजित हैं, लेकिन वर्तमान में मात्र एक पैथोलॉजिस्ट की ही चिकित्सालय में तैनाती है। कुछ यही स्थिति शल्य चिकित्सा विभाग की है, जहां कहने को वर्तमान में दो शल्य चिकित्सक (सर्जन) तैनात हैं, लेकिन एक सर्जन की आजकल चार धाम यात्रा में डयूटी लगी है, जबकि चिकित्सालय में कार्यरत सर्जन को एक सप्ताह के भीतर दूसरे चिकित्सालय में ज्वाइन करने
का फरमान शासन स्तर से सुनाया जा चुका है। फिजीशियन के स्थानांतरण होने के बाद जहां चिकित्सालय में सर्दी-बुखार जैसी मामूली बीमारियों का भी उपचार नहीं मिल पाएगा, वहीं डेंगू, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियों के उपचार के लिए चिकित्सालय की राह पकड़ना बेमानी होगा। पैथोलॉजिस्ट का स्थानांतरण होने के बाद पैथोलॉजी व ब्लड बैंक में टेस्ट नहीं हो पायेगा। डॉ.आईएस सामंत, मुख्य चिकित्सालय अधीक्षक, राजकीय संयुक्त
चिकित्सालय कोटद्वार का कहना है कि स्थानांतरित हुए चिकित्सकों के स्थान पर कोई नहीं तैनाती नहीं हुई है। शासन के निर्देशानुसार स्थानांतरित चिकित्सकों को जल्द ही कार्यमुक्त कर दिया जाएगा।